द्वारका में आयोजित सीबीएसई कार्यालय में 500 से अधिक प्रिंसिपलों ने लिया हिस्सा नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ...
द्वारका में आयोजित सीबीएसई कार्यालय में 500 से अधिक प्रिंसिपलों ने लिया हिस्सा नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई ) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 में छात्रों के लिए सीबीएसई करियर गाइडेंस डैशबोर्ड और काउंसलिंग हब एंड स्पोक स्कूल मॉडल की शुरूआत की है। इनका उद्देश्य विद्यार्थियों के लिए कैरियर मार्गदर्शन को अधिक सुलभ बनाना और उनके मानसिक-सामाजिक कल्याण को मजबूत करना है। इन पहलों का उद्घाटन सीबीएसई इंटीग्रेटेड ऑफिस, सेक्टर-23, द्वारका, नई दिल्ली में किया गया। इस अवसर पर देशभर के 500 से अधिक स्कूल प्रमुख, काउंसलर, वेलनेस टीचर और अन्य शिक्षा विशेषज्ञ उपस्थित रहे। अपने उद्घाटन भाषण में सीबीएसई के अध्यक्ष राहुल सिंह ने बताया कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड का लक्ष्य ऐसा गाइडेंस सिस्टम तैयार करना है जो प्रौद्योगिकी आधारित, समावेशी और भविष्य के लिए उपयुक्त हो। सिंह ने यह भी कहा कि ये दोनों पहलें निरंतर सुधार के साथ छात्रों और स्कूलों की जरूरतों के अनुसार आगे बढ़ेंगी। सीबीएसई के सचिव हिमांशु गुप्ता ने छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और करियर गाइडेंस को व्यवस्थित रूप से स्कूलों में लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बदलते शिक्षा परिदृश्य में विद्यार्थियों को व्यक्तिगत, शैक्षणिक और करियर से जुड़ी चुनौतियों के लिए तैयार करना बेहद जरूरी है। इस अवसर पर करियर गाइडेंस डैशबोर्ड का विस्तार से परिचय भी दिया गया। इसमें बताया गया कि यह डैशबोर्ड छात्रों, शिक्षकों और स्कूल लीडर्स के लिए कई उपयोगी सुविधाएं और जानकारियां प्रदान करता है। इस डैशबोर्ड का लिंक https://cbsecareerguidance.in/ है। इसी तरह, काउंसलिंग हब एंड स्पोक स्कूल मॉडल पर एक सत्र आयोजित किया गया जिसमें इसकी संरचना, जिम्मेदारियां और निगरानी व्यवस्था की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने परीक्षा सुधारों पर व्यावहारिक जानकारी साझा की। साथ ही प्रश्नोत्तर सत्र के माध्यम से स्कूलों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। इस मौके पर सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने भी शिक्षा नीति के अनुसार मूल्यांकन सुधारों और परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बात की। उन्होंने बताया कि इन पहलों के माध्यम से छात्रों को न केवल करियर विकल्पों की जानकारी मिलेगी बल्कि वे अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार सही दिशा चुन सकेंगे।
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