दिल्ली की रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन ने एक अनोखा नियम लागू किया है, जिसके तहत अब कोई भी क्लर्क, वादकारी या आम लोग कोर्ट परिसर में वकीलों जैस...
दिल्ली की रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन ने एक अनोखा नियम लागू किया है, जिसके तहत अब कोई भी क्लर्क, वादकारी या आम लोग कोर्ट परिसर में वकीलों जैसी पोशाक यानी सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर नहीं आ सकता।
एसोसिएशन ने जारी किया नोटिस
15 जुलाई को जारी नोटिस में एसोसिएशन ने साफ कहा कि यह कदम कोर्ट की सुरक्षा को मजबूत करने और ठगों को रोकने के लिए उठाया गया है। दरअसल, कुछ लोग वकीलों जैसे कपड़े पहनकर अनपढ़ और भोले-भाले वादकारियों को ठग रहे थे। अब यह ड्रेस कोड केवल वकीलों के लिए आरक्षित रहेगा, जो उनकी पेशेवर पहचान और सम्मान का प्रतीक है।
ठगी रोकने की कवायद
नोटिस के मुताबिक, कई शिकायतें मिली थीं कि कुछ लोग वकील या उनके क्लर्क बनकर लोगों को गुमराह कर रहे थे। ये ठग अनजान लोगों को झूठे वादों में फंसाकर पैसे ऐंठ रहे थे। इसे रोकने के लिए एसोसिएशन ने क्लर्कों के लिए आईडी कार्ड अनिवार्य कर दिया है। नोटिस में कहा गया, 'ऐसे लोग अनपढ़ वादकारियों को झांसा देकर ठगी कर रहे हैं।'
क्यों जरूरी था यह नियम?
यह फैसला कोई नया नहीं है। बीते सालों में रोहिणी कोर्ट में सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ चुके हैं। खास तौर पर 24 सितंबर 2021 को हुई एक खौफनाक घटना ने सबको हिलाकर रख दिया था। उस दिन दो लोग वकीलों जैसे कपड़े पहनकर कोर्ट रूम के बाहर पहुंचे और गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद कोर्ट की सुरक्षा और सख्त करने की जरूरत महसूस हुई।
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