दिल्ली में शराब के शौकीनों ने राज्य सरकार को खुश होने का मौका दे दिया है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि राज्य में शराब की बिक्री पिछले साल...
दिल्ली में शराब के शौकीनों ने राज्य सरकार को खुश होने का मौका दे दिया है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि राज्य में शराब की बिक्री पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ गई है। इस बात की गवाही दिल्ली सरकार की तरफ से जारी शराब बिक्री के आंकड़े दे रहे हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में दिल्ली सरकार ने शराब बेचकर करीब 2,662 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की है। इस दौरान शराब बेचने वाले चारों निगमों ने 16.96 करोड़ से ज्यादा शराब की बोतलें बेचीं हैं। यह आंकड़ा पिछले साल इसी तिमाही में बिकी शराब की बोतलों की संख्या से एक करोड़ से भी ज्यादा है। ऐसे में यह सरकार के लिए खुश होने का मौका इसलिए है, क्योंकि इससे उसे 7,000 करोड़ रुपए के एक्साइज टैक्स कलेक्शन के अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान वित्त वर्ष के शुरुआती तीन महीनों के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार DSIIDC (दिल्ली राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम) ने सबसे ज्यादा शराब की बोतलें बेची। इस दौरान उसने विभिन्न प्रकार की शराब की 5.29 करोड़ बोतलें बेचकर सर्वाधिक बिक्री दर्ज की। इसके बाद DTTDC (दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम) ने 5 करोड़ बोतलें, DSCSC (दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम) ने 3.65 करोड़ बोतलें और DCCWS (दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक भंडार) ने 2.91 करोड़ बोतलें बेचीं।
वर्तमान आबकारी नीति के अनुसार दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री पूरी तरह से सरकार द्वारा अपनी चार एजेंसियों DSIIDC, DTTDC, DSCSC और DCCWS के माध्यम से की जाती है, जो कि 700 से अधिक दुकानें संचालित करती हैं।
इससे पहले पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इन चारों निगमों ने 15.93 करोड़ बोतलों की बिक्री दर्ज की, जिससे 2,403 करोड़ रुपए की आय हुई। अधिकारियों ने बताया कि इस साल शराब की बोतलों की बिक्री जहां एक करोड़ से ज्यादा बढ़ गई, वहीं बिक्री से हुई कमाई में 259 करोड़ रुपए से ज्यादा की वृद्धि हो गई।
पहली तिमाही में बिक्री बढ़ने से सरकार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए तय किए 7,000 करोड़ रुपए के एक्साइज टैक्स कलेक्शन के अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इससे यह भी पता चल रहा है कि चुनौतियों के बावजूद शहर में शराब का व्यापार स्थिर हो रहा है, जो 2022 में दिल्ली में पिछली सरकार द्वारा आबकारी नीति 2021-22 को रद्द करने के कारण बाधित हुआ था।
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