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यमुना नदी की सफाई के लिए दिल्ली सरकार 15 दिन में करेगी यह काम, प्रवेश वर्मा का ऐलान

यमुना नदी की सफाई के लिए दिल्ली सरकार द्वारा बनाया जा रहा सीवेज का मास्टर प्लान अगले 15 दिनों के भीतर तैयार हो जाएगा। इसकी रिपोर्ट आने से सर...


यमुना नदी की सफाई के लिए दिल्ली सरकार द्वारा बनाया जा रहा सीवेज का मास्टर प्लान अगले 15 दिनों के भीतर तैयार हो जाएगा। इसकी रिपोर्ट आने से सरकार यमुना सफाई के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं बना सकेगी और उसे लागू करने में बड़ी मदद मिलेगी। दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।


जल मंत्री ने कहा कि पहले सरकार को जानकारी थी कि यमुना में लगभग 450 एमजीडी सीवेज गिरता है, लेकिन अब जानकारी मिली है कि यह आंकड़ा 800 एमजीडी तक है। यमुना की सफाई के लिए सरकार द्वारा तय किए गए बिंदुओं पर काम चल रहा है। राजधानी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) एवं डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (डीएसटीपी) बनाने के लिए जगह चिह्नित कर ली गई हैं। डीडीए से जल्द ही इन्हें बनाने के लिए जमीन मांगी जाएगी।

जल मंत्री ने बताया कि यमुना में बड़ी मात्रा में सीवेज हरियाणा एवं यूपी से भी गिरता है। इसे लेकर दिल्ली सरकार उनके साथ बैठक करेगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली की प्रमुख डेरियों से भी बड़ी मात्रा में गोबर सीवेज के माध्यम से यमुना में चला जाता है। इसे रोकने के लिए गोबर गैस प्लांट बनाए जाएंगे।


एक लाख करोड़ से ज्यादा का बिल बकाया


जल मंत्री ने बताया कि दिल्ली में बड़ी संख्या में लोगों एवं सरकारी संस्थाओं ने पानी का बकाया बिल नहीं चुकाया है। दिल्ली में सबसे ज्यादा 66 हजार करोड़ का बकाया बिल व्यावसायिक मीटर से हैं जो दुकान, स्कूल, अस्पताल, फैक्ट्री आदि के हैं। दूसरे नंबर पर सर्वाधिक बकाया सरकारी संस्थाओं का है, जो लगभग 61 हजार करोड़ रुपये है। वहीं, घरेलू मीटरों का बकाया बिल लगभग 15 हजार करोड़ रुपये है।


घर-घर जाकर सीवेज उठाएगा जल बोर्ड


जल मंत्री ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड आने वाले समय में उन जगहों पर घर-घर जाकर सीवेज उठाएगा जहां सीवर नेटवर्क मौजूद नहीं है। अभी यह कार्य 150 निजी टैंकरों द्वारा किया जाता है जिन्हें सरकार की तरफ से इस कार्य के लिए अनुमति मिली है। वह सीवेज उठाने का शुल्क लोगों से लेते हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए जल बोर्ड आने वाले दिनों में खुद ही अपने टैंकरों से मुफ्त में सीवेज उठाकर उसे ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाएगी।




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