चुनाव आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी है. एसआईआर प्रक्रिया में बिहार में 65 लाख स...
चुनाव आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी है. एसआईआर प्रक्रिया में बिहार में 65 लाख से अधिक मतदाता कम हो गए हैं. इसमें कुछ कुछ की मौत हो गई है तो कुछ दूसरे राज्य में शिफ्ट हो गए है जबकि कुछ का नाम दो जगहों पर रजिस्टर पाया गया है. ड्राफ्ट लिस्ट सामने आने के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को दावा किया कि वोटर लिस्ट से उनका नाम कट गया है. इसके साथ-साथ तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया कि उनका EPIC (Electors Photo Identity Card) नंबर बदल दिया गया है. हालांकि, दावों की जब जांच की गई तो पता चला कि नेता प्रतिपक्ष का नाम प्रारूप मतदाता सूची में दर्ज है. तेजस्वी के दावे के बाद अब EPIC नंबर को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.
जानकारी के लिए बता दें कि चुनाव आयोग सामान्यतः किसी मतदाता का EPIC (Electors Photo Identity Card) नंबर नहीं बदलता. EPIC नंबर हर वोटर के लिए एक यूनिक पहचान होता है और सामान्य बदलाव जैसे नाम, पता या अन्य विस्तार अपडेट करने पर भी यह नंबर वही रहता है, लेकिन कोई खामी होने पर मतदाता के आवेदन के आधार पर इसमें बदलाव किए जा सकते हैं.
EPIC नंबर कब बदल सकता है?
- अगर सिस्टम में डुप्लीकेट EPIC नंबर जारी हो गए हों.
- गंभीर क्लेरिकल (clerical) या तकनीकी गलती हो गई हो.
यह बदलाव इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) प्रशासनिक तर्ज पर करता है, ना कि उम्मीदवार या चुनाव आयोग के विवेक से. यानी, अगर आपका नंबर बदलना आवश्यक समझा गया तो इसकी प्रक्रिया प्रशासनिक सुधार के तहत होगी. यह कोई छोटी प्रक्रिया नहीं है.
EPIC नंबर बदलने की प्रक्रिया:
1. आपको सबसे पहले अपने लोकल ERO (Electoral Registration Officer) ऑफिस में संपर्क करना होता है. 2. अगर कोई डुप्लीकेट या गंभीर गलती है, तो इसकी जांच की जाती है. 3. ERO या फिर निर्धारित अधिकारियों की स्वीकृति के बाद नया EPIC नंबर अलॉट किया जा सकता है. 4. नया EPIC नंबर जारी होने के बाद आपको नया EPIC कार्ड मिलता है. 5. पूरा प्रोसेस दस्तावेजी और नियमानुसार होता है, कोई भी नंबर मनमर्जी से नहीं बदल सकता.
EPIC नंबर बदलना एक सामान्य या आसान प्रक्रिया नहीं है. यह केवल गंभीर, जांचे-परखे मामलों में ही यह बदला जाता है, और इसके लिए आपको औपचारिक प्रक्रिया के तहत एप्लीकेशन देना होता है. इसलिए, बिना उचित प्रशासनिक कारण और जांच के EPIC नंबर नहीं बदला जा सकता, और यह प्रक्रिया स्थानीय ERO के माध्यम से ही होती है, चुनाव आयोग सीधे यह प्रक्रिया व्यक्तिगत स्तर पर नहीं करता.
चुनाव आयोग ने कहा तेजस्वी यादव का EPIC नंबर नहीं बदला गया है. पहले जो EPIC नंबर था, वही है. चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए संवैधानिक प्राधिकार को बदनाम करना उचित नहीं है. आयोग ने कहा 2014 में बने वोटर कार्ड के बाद तेजस्वी ने निवास बदला. उसके बाद दोबारा वोटर कार्ड बना, जिसमें जारी किए गए ईपीआईसी में कोई बदलाव नहीं किया गया. कंप्यूटर सॉफ्टवेयर उचित मार्गदर्शन पर ही सही परिणाम देता है और सॉफ्टवेयर में गलत जानकारी फीड किए जाने के लिए आयोग जिम्मेदार नहीं है.
तेजस्वी यादव ने क्या कहा?
तेजस्वी यादव ने कहा कि सबसे पहली बात तो EPIC नंबर बदलता नहीं, कैसे बदला, क्या बदला. अगर मेरा बदल सकता है तो कितने लोगों का EPIC नंबर बदला होगा. यह साजिश है वोटरों के नाम काटने की. कई IAS अधिकारी भी ट्वीट कर रहे हैं कि उनके नाम कट गए. चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि बूथ वाइज डेटा दे कि किसकी मृत्यु हो गई है, उनका EPIC नंबर क्या है, उनका बूथ नंबर क्या है. अगर कोई दूसरे राज्य में चला गया है तो उसकी डिटेल दे, आप इसे क्यों छिपा रहे हैं. तो सवाल ये है कि कितना बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है.
ليست هناك تعليقات