Page Nav

HIDE

Breaking News:

latest

भ्रष्ट नेताओं में डर रहना चाहिए कि हटाया जा सकता है: नए बिल पर मनीष सिसोदिया, एक डिमांड भी

  गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार किए गए और लगातार 30 दिन हिरासत में रखे गए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों ने यदि खुद कुर्सी नह...

 


गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार किए गए और लगातार 30 दिन हिरासत में रखे गए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों ने यदि खुद कुर्सी नहीं छोड़ी तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। ऐसे प्रावधान करते हुए तीन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किए गए, जिन्हें सदन ने संसद की संयुक्त समिति (JPC) को भेजने का फैसला किया। इस बीच आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कथित शराब घोटाले में महीनों जेल में रहे मनीष सिसोदिया ने कानून को अच्छा लेकिन अधूरा बताया है। सिसोदिया ने कहा कि भ्रष्ट नेताओं में डर रहना चाहिए कि उन्हें हटाया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने इसमें यह प्रावधान भी जोड़ने की मांग की कि यदि गिरफ्तार किया गया मंत्री या मुख्यमंत्री निर्दोष साबित हो तो उसे जेल भेजने वाले सीएम या पीएम को सजा दी जाए।

सिसोदिया ने मीडिया से कहा कहा कि सरकार संशोधन ला रही है उसके मुताबिक कोई मंत्री, सीएम या पीएम करप्शन में गिरफ्तार होता है तो उन्हें एक महीने के भीतर पद छोड़ देना चाहिए या उन्हें हटा दिया जाए। यह अच्छा है। यह कानून अच्छा, भ्रष्ट नेताओं में हमेशा डर बना रहना चाहिए कि उन्हें हटाया जा सकता है, या हट सकते हैं यदि भ्रष्टाचार करेंगे। आम आदमी पार्टी तो कट्टर ईमानदार लोगों की पार्टी है इसलिए आम आदमी पार्टी इस तरह के किसी मूव को अच्छा ही मानेगी। लेकिन बहुत संभावना है कि जिस तरह से ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है इस कानून का भी होगा। इस कानून में यह भी जोड़ा जाए कि पद गंवाने वाला निर्दोष साबित होता है तो जेल भेजने वाले को जेल भेजना चाहिए।

 

मनीष सिसोदिया ने इस संबंध में एक लेख को साझा करते हुए एक्स पर लिखा, 'इस कानून में यह व्यवस्था भी होनी चाहिए कि अगर कोई मंत्री या मुख्यमंत्री झूंठे आरोपों में जेल भेजा जाता है, और बाद में वह बरी हो जाता है तो अरेस्ट करने वाले अधिकारी, अरेस्ट करने वाली एजेंसी के मुखिया और अरेस्ट कराने वाली सरकार के मुखिया (प्रधान मंत्री या मुख्यमंत्री, जो भी उस समय रहे हों) को उतने साल के लिए जेल भेजा जाएगा जितने साल की सजा वाले झूठे आरोप उस वक्त लगाए गए थे।'


सिसोदिया ने आगे कहा कि सिर्फ मिनिस्टर्स या लीडर्स के लिए क्यों? किसी भी आम आम आदमी को झूठे केस में जेल भेजने वालों को भी जेल भेजने की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में सत्ता के पास ताकत होना जरूरी है लेकिन इस ताकत का दुरुपयोग करने वालों को अगर सजा नहीं मिलेगी तो इस निरंकुश ताकत का अहंकार सबको रावण बना देता है।'


क्या है नए विधेयक में


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के विरोध और हंगामे के बीच लोकसभा में ‘संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025’, ‘संघ राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025’ पेश किए। विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि यदि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या मुख्यमंत्री को ऐसे अपराधों के लिए गिरफ्तार किया जाता है और लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है, जिनमें कम से कम पांच साल की जेल की सजा का प्रावधान है, तो वे 31वें दिन अपना पद गंवा देंगे। माना जा रहा है कि जिस तरह अरविंद केजरीवाल ने कथित शराब घोटाले में जेल जाने के बाद भी पद नहीं छोड़ा, वह आगे जाकर एक नजीर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, इसलिए सरकार यह बदलाव करने जा रही है।




कोई टिप्पणी नहीं