दिल्ली सरकार की ओर से नया सचिवालय बनाने के लिए स्थान की तलाश तेज हो गई है। लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के मुताबिक फिलह...
दिल्ली सरकार की ओर से नया सचिवालय बनाने के लिए स्थान की तलाश तेज हो गई है। लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के मुताबिक फिलहाल चार संभावित स्थानों को चिन्हित किया गया है जिसपर विचार चल रहा है।
इन चार जगहों को किया गया सिलेक्ट
मंत्री ने कहा कि जिस स्थान को लेकर सहमति बनेगी, वहीं नया सचिवालय बनेगा। उन्होंने बताया कि जिन चार स्थानों पर विचार हो रहा है उसमें राजघाट थर्मल पावर प्लांट, खैबर पास, आईटीओ स्थित पीडब्ल्यूडी मुख्यालय और डब्ल्यूएचओ भवन के पास इंद्रप्रस्थ एस्टेट शामिल है। प्रवेश वर्मा ने बताया कि राजघाट थर्मल पावर प्लांट वर्षों से बंद पड़ा है। यह लगभग 18 एकड़ में फैला हुआ है और यहां ऊंची इमारत (हाई-राइज बिल्डिंग) बनाकर नया सचिवालय तैयार किया जा सकता है। सरकार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर सचिवालय तैयार करने की योजना बना रही है। अधिकारियों का कहना है कि इससे सरकार को परियोजना की लागत की वसूली में भी मदद मिलेगी। इस जमीन का 70 फीसदी हिस्सा दिल्ली सरकार के पास है, जबकि बाकी डीडीए के अधीन है।
खैबर पास (सिविल लाइंस में विधानसभा के पास) भी एक स्थान सरकार ने देखा है, जिसे हाल ही में अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। उसके अलावा आईटीओ और रिंग रोड पर इंद्रप्रस्थ एस्टेट के पास जहां एक पावर प्लांट था, वहां पर भी सचिवालय बनाने का विचार किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अभी कुछ भी अंतिम नहीं है और अन्य विकल्पों पर भी चर्चा जारी है।
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