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यात्री कृपया ध्यान दें! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में अब टिकट देखकर ही प्लैटफॉर्म पर मिलेगी एंट्री

 ट्रेन के अनारक्षित कोच में यात्रियों की भीड़ कम करने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रायल का दूसरा चरण जल्द शुरू होने जा रहा है। रेलवे ब...


 ट्रेन के अनारक्षित कोच में यात्रियों की भीड़ कम करने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रायल का दूसरा चरण जल्द शुरू होने जा रहा है। रेलवे बोर्ड की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि इस ट्रायल में स्टेशन परिसर के भीतर केवल उन्हीं यात्रियों को प्रवेश दिया जाए जिनके पास टिकट है।

कड़ी सुरक्षा के बीच से एक माह तक यह ट्रायल होगा। इससे यह पता चलेगा कि स्टेशन परिसर में कितनी भीड़ रहती है और आने वाले त्योहारों के लिए किस तरह के बंदोबस्त करने होंगे। ज्ञात हो कि बीते फरवरी में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे के बाद से स्टेशन पर भीड़ को कम करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत रेलवे बोर्ड ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रायल किया है जिसमें प्रत्येक अनारक्षित कोच के लिए केवल 150 टिकट ही जारी हो रही हैं।

रेलवे के सॉफ्टवेयर क्रिस में यह व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक अनारक्षित कोच में 150 टिकट जारी होने के बाद टिकट नहीं बनेंगी। लगभग दो महीने तक इसका ट्रायल हुआ है जो सफल रहा है। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक ‌शिवेन्द्र शुक्ला की तरफ से उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर ट्रायल को अगले चरण में ले जाने के लिए कहा गया है। इसके तहत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर काउंटरों से जारी सीमित टिकट धारकों को ही स्टेशन के भीतर प्रवेश मिलेगा।


एक कोच में 300-400 लोग करते हैं सफर


अभी तक अनारक्षित कोच में टिकट जारी करने को लेकर कोई नियम नहीं है। रेलवे स्टेशन के काउंटर एवं ऐप से यात्री खुद भी अनारक्षित टिकट बनाते हैं। इनकी संख्या को लेकर कोई सीमा नहीं रखी गई है। यही वजह है कि अनारक्षित टिकट की लगातार बिक्री होती रहती है और कई बार एक कोच में 300 से 400 यात्री सफर करते हैं, जबकि एक कोच में लगभग 80 सीट ही उपलब्ध होती हैं। अधिकारियों का मानना है कि त्योहारों में रेलवे स्टेशन पर व्यवस्था को बेहतर करने में बड़ी मदद मिलेगी।


देशभर में लागू हो सकती है योजना


रेलवे द्वारा किए जा रहे ट्रायल के अनुसार, रेलगाड़ी के शुरुआती स्टेशन से प्रत्येक अनारक्षित कोच में केवल 150 टिकट जारी होंगी। बीच के स्टेशनों पर कोच की क्षमता के मुताबिक केवल 20 फीसदी अनारक्षित टिकट ही जारी होंगी। अगर एक गाड़ी में चार कोच हैं तो उसमे शुरुआती स्टेशन से अधिकतम 600 अनारक्षित टिकट ही जारी होंगी। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर चल रहा ट्रायल सफल होने पर देशभर में यह व्यवस्था लागू की जा सकती है।

 

तीन घंटे के लिए बनेगा टिकट


रेलवे के सूत्रों के अनुसार, ट्रायल के लिए इस्तेमाल किया जा रहा सॉफ्टवेर केवल उन ट्रेन की टिकट गिनेगा, जो अगले तीन घंटे में चलने वाली हैं। उदाहरण के लिए अगर नई दिल्ली से बनारस के लिए तीन घंटे में चार गाड़ियां चलनी है और प्रत्येक में 4 कोच हैं तो वह 16 कोच के लिए अधिकतम 2400 टिकट ही जारी करेगा। इसके बाद अपने आप टिकट बननी उसी तरह बंद हो जाएगी जैसे एसी या स्लीपर में होती हैं।




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