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राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित जयपुर के प्रोफेसर गिरिराज शर्मा, मूर्तिकला में रचा इतिहास

जयपुर के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार और आईसीजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर गिरिराज शर्मा को भारत सरकार की ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित 64वें नेशनल ...



जयपुर के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार और आईसीजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर गिरिराज शर्मा को भारत सरकार की ललित कला अकादमी द्वारा आयोजित 64वें नेशनल आर्ट एग्जीबिशन में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह पुरस्कार उनकी विशिष्ट कृति 'कंस्ट्रक्टिव ऑब्जर्वेशन' के लिए प्रदान किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन 5 अगस्त 2025 को रविंद्र सदन, नई दिल्ली में हुआ, जहां केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उन्हें सम्मानित किया। इस वर्ष पेंटिंग और मूर्तिकला की श्रेणियों में देशभर से कुल 5922 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं।


गिरिराज शर्मा पिछले 30 वर्षों से मूर्तिकला क्षेत्र में सक्रिय हैं और उन्होंने जयपुर स्थित राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट से मूर्तिकला की विधिवत शिक्षा ली है। वे बताते हैं कि बचपन से ही मिट्टी की मूर्तियों से उनका गहरा जुड़ाव था, और समय के साथ धातु (मेटल) उनका प्रमुख माध्यम बन गया। वे कहते हैं, 


"मेटल में लय, चमक, वेग, सघनता और रंग (पतीना) की गूंज होती है, जो मुझे गहराई से आकर्षित करती है।"


उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि मेटल कास्टिंग की परंपरा सिंधु घाटी सभ्यता (2600 ईसा पूर्व) से चली आ रही है, और आज भी यह जीवंत है। गिरिराज शर्मा की कलाकृतियां न केवल भारतीय रिजर्व बैंक, जयपुर, बल्कि राजस्थान सरकार, धरम सज्जन ट्रस्ट और लाडनूं समेत कई प्रतिष्ठित स्थलों पर स्थापित हैं। यह राष्ट्रीय पुरस्कार उनके समर्पण, दृष्टिकोण और कलात्मक संवेदना की एक सशक्त मान्यता है।

 



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