महाराष्ट्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने इस बार प्रदेशभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. बीते कुछ दिनों से हालात बेहद गंभीर बने ह...
महाराष्ट्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने इस बार प्रदेशभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. बीते कुछ दिनों से हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं. ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 15 अगस्त से अब तक राज्य में 21 लोगों की मौत हो चुकी है. भारी बारिश ने कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं, जबकि फसलों और घरों को भारी नुकसान पहुंचा है.
लोनावला में इस बार मानसून ने नया रिकॉर्ड बना दिया है. पिछले 24 घंटों में यहां 432 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिसे अब तक की सबसे अधिक वर्षा बताया जा रहा है. मंगलवार को सिर्फ दस घंटों में ही 150 मिलीमीटर बारिश हुई थी, लेकिन अगले चौदह घंटों में बारिश की रफ्तार और तेज़ हो गई, जिससे 282 मिलीमीटर अतिरिक्त वर्षा दर्ज की गई.
मुंबई में रेड अलर्ट
मुंबई में भी भारी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. भारतीय मौसम विभाग ने शहर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. लगातार बारिश से हवाई यातायात पर बड़ा असर पड़ा है. इंडिगो एयरलाइंस ने यात्रियों के लिए विशेष ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. कंपनी ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे यात्रा पहले से प्लान करें, एयरपोर्ट आने से पहले फ्लाइट स्टेटस ऑनलाइन चेक करें और पंजीकृत मोबाइल नंबर व ईमेल अपडेटेड रखें ताकि किसी भी बदलाव की जानकारी समय पर मिल सके.
भारी बारिश के कारण मुंबई हवाई अड्डे पर 250 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुई हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 12 से अधिक फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा, जबकि करीब 90 आगमन उड़ानें देर से पहुंचीं. एयरलाइंस ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे सफर के लिए अतिरिक्त समय लेकर चलें क्योंकि सड़कों पर जलजमाव और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है.
विदर्भ में तबाही का मंजर
पश्चिम विदर्भ के कई जिलों में इस बार का मानसून तबाही लेकर आया है. अमरावती संभाग के अंतर्गत आने वाले अमरावती, यवतमाल, वाशिम, बुलढाणा और अकोला जिलों के करीब 26 तालुकों के 760 गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. 1 जून से 18 अगस्त के बीच यहां बाढ़ और भारी बारिश ने गांव-गांव में तबाही मचाई.
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 8 हज़ार से ज्यादा घर जमींदोज हो चुके हैं. लगभग 2 लाख 29 हज़ार हेक्टेयर कृषि भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं. इसमें मुख्य रूप से तूर, कपास, सोयाबीन, फल और सब्जियों की फसल शामिल है. इन इलाकों में किसानों को सबसे बड़ा झटका लगा है क्योंकि भारी नुकसान से उनकी आजीविका पर गंभीर असर पड़ने वाला है. इस आपदा में अब तक 21 लोगों की जान चली गई है, जबकि लगभग 250 मवेशी भी मारे गए हैं.
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