Page Nav

HIDE

Breaking News:

latest

डॉक्टर के पास तुरंत मैसेज, नर्स रूम में बजेगा अलार्म; कानपुर के अस्पताल में AI वार्ड कैसे करेगा काम?

  कानपुर के मेडिकल कॉलेज से संबंध लाला लाजपत राय चिकित्सालय जल्द ही AI टेक्नोलॉजी से लैश मिलेगा. ये जनता और मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है क्...

 


कानपुर के मेडिकल कॉलेज से संबंध लाला लाजपत राय चिकित्सालय जल्द ही AI टेक्नोलॉजी से लैश मिलेगा. ये जनता और मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि अभी तक बड़ा अस्पताल होने के चलते मरीजों की अचानक तबियत बिगड़ने पर डॉक्टरों की टीम को पहुंचने में समय लग जाता था, जिसके चलते अक्सर मरीज की जान पर बन आती थी.


एआई टेक्नोलॉजी से लैस होने के बाद मरीजों की बिगड़ी हालात अलार्म के जरिए डॉक्टर को सूचित कर देगी. फिर डॉक्टर टीम क्विक रिस्पांस देगी. कानपुर के हैलट अस्पताल में प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों का पहला आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) वार्ड बनाया जा रहा है. खास तौर पर रात में रोगी की हालत की मॉनीटरिंग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ही करेगा.


डॉक्टर के पास मैसेज और नर्स रूम में बजेगा अलार्म


अगर रोगी की हालत जरा सी बिगड़ी, तो डॉक्टर के पास मैसेज जाने के साथ ही नर्स रूम में अलार्म बज जाएगा. इससे रोगी को तुरंत इमरजेंसी इलाज उपलब्ध हो जाएगा, जिससे जान जाने की नौबत नहीं आने पाएगी. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के सेंसर सजग प्रहरी की तरह काम करेंगे. रोगी के अंदरूनी सभी अंगों की बराबर मॉनीटरिंग होती रहेगी. अंगों की स्थिति में आने वाले उतार-चढ़ाव के पल-पल की खबर एआई को रहेगी.


मेक इन इंडिया के तहत यह एआई सिस्टम तैयार किया गया है. यह सिस्टम बनाने वाली कंपनी का प्रस्ताव जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने स्वीकार कर लिया है. इसके बाद इस टेक्नोलॉजी से लैस अस्पताल यहां पर आने वाले मरीजों को राहत की सांस देगा. उनके तीमारदारों और डॉक्टरों दोनों को रात में होने वाली भाग दौड़ से बचाएगा. अस्पताल की जिम्मेदार डॉक्टर मीडिया प्रभारी डॉ सीमा द्विवेदी ने बताया कि एआई वार्ड, वार्ड नंबर तीन बनने जा रहा है.


मरिज को होने वाली दिक्कत स्क्रीन पर डिस्प्ले होगी


डॉ सीमा द्विवेदी ने बताया कि इसमें स्पेशली वहां पर मौजूद 10 बेडरूम में सेंसर लगे होंगे. जो मरीज के शरीर के हर अंग की मॉनिटरिंग करेंगे. बेड में सेंसर वार्निंग सिस्टम है, जिससे मरिज के शरीर में होने वाली दिक्कत को मॉनिटरिंग स्क्रीन पर डिस्प्ले होता देख सकेंगे. सीएसआर फंड से 10 मैट्रेस आयेंगे जोकि सेंसर युक्त होंगे औरइस वार्ड में मरीजों के लिए मौजूद रहेंगे.


उन्होंने बताया कि बिगड़ती स्थिति वार्निंग बेल उनकी बॉडी के एनालिसिस सिस्टम के साथ ही क्विक रिस्पांस मरिज को क्या ट्रीटमेंट दिया गया यह सब ट्रांसपेरेंसी से क्लियर रिपोर्ट रहेगा. इस एआई सिस्टम से युक्त वार्ड के बन जाने के बाद मरीज के तीमारदारों को मरिज की हालत बिगड़ने पर डॉक्टर के केबिन या उनके रूम में दौड़ भाग नहीं करनी पड़ेगी. डॉक्टर इस सिस्टम के बाद खुद अलर्ट मोड पर रहेंगे.




कोई टिप्पणी नहीं