दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि यदि वह अगले साल 31 मार्च से पहले आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक (एएएमसी) के कर्मचारियों की सेवाएं सम...
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि यदि वह अगले साल 31 मार्च से पहले आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक (एएएमसी) के कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का प्रस्ताव लाती है तो उसको इन कर्मियों को दो महीने का नोटिस जारी करना होगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने उक्त आदेश एएएमसी कर्मचारियों की एक याचिका पर दिया है। याचिका में कर्मचारियों को सेवा खत्म करने और उनकी जगह अन्य को नियुक्त करने के खिलाफ निर्देश दिए जाने की गुहार लगाई गई थी।
इन कर्मचारियों को पिछली आम आदमी पार्टी सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियुक्त किया था। जस्टिस प्रतीक जालान ने याचिका पर आदेश जारी करते हुए कहा कि यदि दिल्ली सरकार 31 मार्च, 2026 से पहले याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति इस आधार पर खत्म करने का प्रस्ताव लाती है कि नए कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है तो उन्हें पुराने कर्मचारियों को दो महीने का नोटिस देने का निर्देश दिया जाता है।
अदालत ने 6 अगस्त को उक्त आदेश जारी किया। बता दें कि अदालत ने मंगलवार को एएएमसी में संविदा के आधार पर काम करने वाले डॉक्टरों की याचिका पर भी इसी तरह का आदेश पारित किया। इन डॉक्टरों की नियुक्ति 2016 से 2015 के बीच समय-समय पर बढ़ाई गई थी। याचिका में उन्हें अवैध रूप से नौकरी से निकाले जाने पर रोक लगाने की मांग की गई थी। मौजूदा वक्त में याचिकाकर्ता एएएमसी में संविदा पर फार्मासिस्ट, मोहल्ला क्लिनिक सहायक और मल्टीटॉस्क वर्कर के रूप में काम कर रहे हैं।
याचिकाकर्ताओं ने खुद को सेवा से हटाने और उनकी जगह किसी अन्य संविदा कर्मचारी की नियुक्ति के खिलाफ निर्देश मांगे थे। कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ता अमर नाथ सैनी ने दलीलें रखीं। उन्होंने कहा कि यह डॉक्टरों के मामले से अलग है क्योंकि कुछ कर्मचारियों को टेलीफोन पर ही ड्यूटी पर नहीं आने को कह दिया गया है। वहीं दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अभी एएएमसी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का कोई निर्णय नहीं लिया है।
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