यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। नोएडा से लेकर गाजियाबाद ...
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। नोएडा से लेकर गाजियाबाद तक यमुना का प्रकोप देखने को मिल रहा है। ग्रेटर नोएडा के कई गांवों में जलभराव हो चुका है और उन्हें घरों को खाली करके सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ रहा है। वहीं गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में यमुना का जलस्तर बढ़ने से डूब क्षेत्र जलमग्न हो गया। बदरपुर क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने अपने घर खाली कर पुश्ते पर शरण ले ली है। पिछले 24 घंटे में दो मीटर तक जलस्तर में बढोतरी हुई है। वहीं, एहतियातन जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
गाजियाबाद के गांवों में पहुंचा बाढ़ का पानी
लोनी में यमुना के किनारे गाजियाबाद सीमा में छह गांवों आते हैं। रविवार को ही यमुना का पानी आसपास क्षेत्र के गांवों में पहुंच गया था। मंगलवार सुबह लोनी में यमुना का जलस्तर 211:70 मीटर पहुंच गया। इसके चलते 40 से अधिक किसानों के खेत पानी से लबालब भर गए। अधिकारियों के अनुसार अभी जलस्तर में बढोतरी होने की संभावना है। इसी कारण नदी के आसपास रहने वालों को सावधान रहने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी क्षेत्र खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।
यमुना के किनारे बदरपुर क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है। यह दिल्ली से लगी सीमा है और यहां लोगों ने डूब क्षेत्र में अपने घर तक बना लिए हैं। सोमवार की रात यमुना का जलस्तर बढ़ने से पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया। इस कारण डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने घर खाली कर बदरपुर पुश्ते पर शरण ले ली है। सोमवार की रात से बड़ी संख्या में लोग पानी से निकलकर ऊंचाई वाली स्थान पर आ गए हैं। इन्होंने पुश्ते पर अपनी झोपड़ी बना ली है। सामान और मवेशियों को भी अपने साथ ले आए हैं।
ग्रेटर नोएडा में खतरे के निशान के पास जलस्तर
हरियाणा स्थित हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी से ग्रेटर नोएडा में यमुना उफान पर है और जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है। इससे जेवर, दादरी और सदर तहसील के 15 से अधिक गांवों में फसलें जलमग्न हो गई हैं। हालांकि, घरों तक पानी नहीं पहुंचा है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से कानीगढ़ी, गोविंदगढ़, पूरन नगर, शमशमनगर, छोटा झुप्पा, झुप्पा गांव के खेतों में घुस गया। इस कारण से यमुना और पुश्ता के बीच किसानों की खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गईं। ऐसे में बाढ़ चौकी और कंट्रोल रूम को सक्रिय कर दिया गया है।
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