फिल्मों में पैसा लगाने पर नुकसान होने के बाद एक मराठी फिल्म निर्माता साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगा। पश्चिमी दिल्ली जिला पुलिस की ...
फिल्मों में पैसा लगाने पर नुकसान होने के बाद एक मराठी फिल्म निर्माता साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगा। पश्चिमी दिल्ली जिला पुलिस की साइबर थाना टीम ने आरोपी को पुणे, महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। आरोपी वित्तीय सलाहकार बनकर लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम देता था। आरोपी रुग्वेद अश्विन डेंगले के पास से 4 स्मार्टफोन, सिम कार्ड सहित, 14 एटीएम कार्ड, 15 चेकबुक, 6 पासबुक और 3.45 लाख रुपये बरामद किए गए हैं।
डीसीपी विचित्रवीर ने बताया 20 मई को साइबर थाना पुलिस को एक शख्स ने अपने साथ हुई 12,85,282 रुपये की ठगी की शिकायत दी। पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि टेलीग्राम के माध्यम से एक शख्स ने संपर्क किया। फोन करने वाले ने खुद को वित्तीय सलाहकार बताते हुए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सलाह दी। आरोपी ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर अधिक रिटर्न मिलेगा।
शिकायतकर्ता आरोपी के झांसे में आ गया और उसके द्वारा बताई गई जगह पर 12,85,282 रुपए निवेश कर दिया। जो उसके आरोपी द्वारा बनाए गए खाते में दिखाई देने लगा, लेकिन जब पीड़ित ने अपना पैसा निकालने की कोशिश की तो उसे अनुमति नहीं दी गई। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने तुंरत पुलिस को शिकायत दी। एसएचओ इंस्पेक्टर विकास कुमार, एसआई अरविंद कुमार, हेड कॉन्स्टेबल संजय और कॉन्स्टेबल सुशांत ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
29 बैंक खातों में भेजी गई थी पीड़ित से ठगी राशि
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने पीड़ित से निवेश के दौरान 29 अलग अलग बैंक खातों में 12,85,282 रुपये लिए थे। टीम ने पाया कि एक अकाउंट ऐसा था, जिससे पैसा एटीएम के जरिये निकाला जा रहा था। यह अकाउंट पुणे, महाराष्ट्रा में एक्टिव था। पुलिस ने इस अकाउंट की जानकारी जुटाई और पुणे में छापा मारा। इस छापेमारी में आरोपी रुग्वेद अश्विन डेंगले को गिरफ्तार किया गया। पुलिस को उसके पास से बरामद मोबाइल से वारदात को अंजाम देने से संबंधित सबूत मिले।
फिल्मों में लगाता था पैसा
25 वर्षीय रुग्वेद अश्विन डेंगले फिल्म निर्माता था। वह मराठी फिल्मों में पैसा लगाता था, जिसमें उसे भारी आर्थिक नुकसान हुआ। अपने नुकसान को पूरा करने के लिए आरोपी ने साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। आरोपी पहले फर्जी खातों की व्यवस्था करता था और यूएसडीटी के बदले में ठगी की गई रकम प्राप्त करता था। वह रकम को विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित करता था और एटीएम से पैसे निकाल लेता था, लेकिन बाद में वह खुद भी साइबर ठगी करने लगा। आरोपी रुग्वेद अश्विन डेंगले ने केमिस्ट्री में बीएससी की है।
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