राजधानी दिल्ली के सीएम श्री स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-2026 के तहत दाखिले की दौड़ बुधवार से शुरू हो रही है। इन स्कूलों में प्रवेश परीक्ष...
राजधानी दिल्ली के सीएम श्री स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-2026 के तहत दाखिले की दौड़ बुधवार से शुरू हो रही है। इन स्कूलों में प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने इस सत्र से 75 सीएम श्री स्कूल स्थापित किए हैं। इनमें 30 जुलाई से 15 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। एडमिट कार्ड 23 अगस्त और 30 अगस्त को प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा ढाई घंटे की होगी। परिणाम 10 सितंबर को घोषित होंगे। शिक्षा निदेशालय ने बताया कि 15 सितंबर तक दाखिला प्रक्रिया संपन्न करनी होगी।
सीएम श्री स्कूलों में आवेदन करने के पात्र वही छात्र हैं, जो दिल्ली के निवासी हैं। साथ ही, किसी मान्यता प्राप्त स्कूल में वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 के दौरान पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि कम से कम 50 फीसदी सीट उन छात्रों के लिए आरक्षित होंगी, जो वर्तमान में सरकारी स्कूलों में छठवीं, सातवीं और आठवीं में नामांकित हैं। इनमें शिक्षा निदेशालय, नगर निगम, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल शामिल हैं।
निदेशालय ने बताया कि 33 स्कूलों में वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए रिक्त सीट को भरा जा जाएगा। प्रवेश के लिए आयु मानदंड और आरक्षण नीति शिक्षा निदेशालय की ओर से निर्धारित मानदंडों के अनुरूप होगी।
ऑब्जेक्टिव टाइप पेपर होगा
प्रश्नपत्र एक ओएमआर आधारित ऑब्जेक्टिव टाइप परीक्षा होगी। प्रश्नपत्र द्विभाषी होगा और इसमें कोई निगेटिव मार्किंग नहीं होगी। सीडब्ल्यूएसएन उम्मीदवारों को अतिरिक्त समय दिया जाएगा। सीएम श्री स्कूलों का उद्देश्य स्कूली शिक्षा में उत्कृष्टता और समानता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
विधानसभा सत्र 4 अगस्त से, फीस बिल हो सकता है पेश
दिल्ली विधानसभा का 5 दिवसीय मॉनसून सत्र 4 अगस्त से शुरू होगा। इस बार विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह से पेपरलेस होगी। इस सत्र में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी को रोकने के लिए एक अहम बिल पेश किया जा सकता है। सरकार ‘दिल्ली स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण और पारदर्शिता विधेयक, 2025’ लाने जा रही है। इस बिल में स्कूलों द्वारा फीस मनमाने ढंग से बढ़ाने पर सख्त सजा का प्रावधान होगा। बिल के अनुसार, पहली बार नियम तोड़ने पर स्कूल पर 1 लाख से 5 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। अगर नियम दोबारा तोड़ा गया, तो 2 लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। अगर स्कूल तय समय में ज्यादा ली गई फीस वापस नहीं करता, तो 20 दिन बाद जुर्माना दोगुना, 40 दिन बाद तिगुना हो जाएगा और हर 20 दिन की देरी पर बढ़ता रहेगा।
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