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आतंक का शिकार हुए लोगों को मिलेगा इंसाफ, जम्मू-कश्मीर सरकार ने जारी की हेल्पलाइन

जम्मू-कश्मीर में अब आतंक का शिकार हुए लोगों को इंसाफ मिलेगा. सूबे की सरकार ने आतंकवाद की शुरुआत से लेकर आज तक इसका शिकार बने लोगों को इंसाफ ...


जम्मू-कश्मीर में अब आतंक का शिकार हुए लोगों को इंसाफ मिलेगा. सूबे की सरकार ने आतंकवाद की शुरुआत से लेकर आज तक इसका शिकार बने लोगों को इंसाफ देने के लिए बड़ी पहल की है. जिसके तहत तहत सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी करना शुरू कर दिया है. इस हेल्पलाइन नंबर पर आतंक के शिकार बने लोग अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.


दरअसल सरकार को पिछले काफी समय से इस तरह की शिकायतें मिल रही थी आतंक के शिकार लोगों हुए लोगों को आज तक इंसाफ नहीं मिला. पीड़ितों का कहना है कि उनकी जगह कईं ऐसे लोग जो आतंकवाद फैलाने में शामिल थे या आतंकियों की मदद करते थे उन्हें जम्मू कश्मीर सरकार में नौकरियां दी गई लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया गया. ऐसे में अब पीड़ितों की मदद के लिए सरकार ने ये पहल की है.


पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी


जम्मू के डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार ने भी एक आदेश जारी कर आतंक के शिकार हुए लोगों के लिए अपनी शिकायत दर्ज करवाने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. इस आदेश में कहा गया है की इन लोगों को SRO 43 के तहत सरकारी नौकरी भी दी जाएगी.


आतंकियों के मददगार होंगे बाहर


कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिंह ने एक मीटिंग के दौरान कहा था कि जो लोग भी आतंकी वारदातों का शिकार हुए हैं उन्हें इंसाफ मिलेगा. साथ ही उन लोगों को ढूंढ कर सरकार से बाहर निकाला जाएगा जो सरकार में रहकर आतंकियों की मदद करते रहे हैं. उन्होंने आतंक पीड़ित परिवारों की मदद के लिए LG सचिवालय और मुख्य सचिव कार्यालय में विशेष सेल बनाने की बात कही थी.


पीड़ित परिवारों के परिजनों मिलेगी नौकरी


मीटिंग में उन्होंने कहा था कि आतंकवाद पीड़ित परिवारों कोहर संभव सहायता प्रदान की जाएगी और दशकों से खुलेआम घूम रहे दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा. सिन्हा ने यह भी निर्देश दिया कि इन पीड़ित परिवारों के परिजनों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जाए और उनके नाम पर दर्ज एफआईआर दर्ज की जाए. आर्टिकल 311 के तहत जम्मू कश्मीर सरकार ने अब तक ऐसे 70 कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है जो किसी ना किसी तरह से आतंकवाद से जुड़े थे.




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