दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार शुरू की जाने वाली क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश कराने की परियोजना को अगस्त के अंत तक के लि...
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार शुरू की जाने वाली क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश कराने की परियोजना को अगस्त के अंत तक के लिए स्थगित कर दिया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि परियोजना की नई तारीखें 30 अगस्त से 10 सितंबर के बीच निर्धारित की गई हैं। परियोजना को टाले जाने के पीछे मौजूदा वक्त में हो रही मानसूनी बारिश को बताया जा रहा है।
अब कब कराई जाएगी कृत्रिम बारिश?
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि जब मानसून का मौसम खत्म हो जाएगा, तब क्लाउड सीडिंग का ट्रायल किया जाएगा। इसके लिए नई तारीखें 30 अगस्त से 10 सितंबर के बीच निर्धारित की गई हैं। इस दौरान हम सटीक वैज्ञानिक डेटा जमा कर सकेंगे। बता दें कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें 4 जुलाई से 11 जुलाई के बीच क्लाउड सीडिंग कराने की अनुमति मांगी गई थी।
एजेंसियों की सलाह पर टाली डेट
दिल्ली सरकार ने डीजीसीए के साथ एक उड़ान मानचित्र योजना भी साझा की थी। इसमें रोहिणी, बवाना, अलीपुर और बुराड़ी के क्षेत्रों को कवर करने की बात कही गई थी। सिरसा ने कहा कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने की तारीखों को स्थगित करने का निर्णय आईएमडी, आईआईटी-कानपुर, आईआईटीएम पुणे की सलाह के बाद किया गया है।
क्या है वजह?
विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की शुरुआत (4-11 जुलाई) के दौरान क्लाउड सीडिंग करने के लिए उचित प्रकार के बादल नहीं मिल सकते हैं। मंत्री ने बताया कि 5 ट्रायल होने हैं जिनके लिए 3.21 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए डीजीसीए की ओर से मंजूर किए गए विमान उड़ान भरेंगे।
इन इलाकों में विमान भरेंगे उड़ान
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के लिए क्लाउड सीडिंग उपकरण से लैस विमान का इस्तेमाल किया जाएगा। ये विमान उत्तरी दिल्ली के कुछ हिस्सों- रोहिणी, बवाना, अलीपुर और बुराड़ी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के लोनी और बागपत जैसे आस-पास के क्षेत्रों में उड़ान भरेंगे। इससे इन क्षेत्रों में कृत्रिम बारिश होने की संभावना है। ये विमान प्रतिबंधित क्षेत्रों के ऊपर से उड़ान नहीं भरेंगे।
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