Page Nav

HIDE

Breaking News:

latest

बिना स्किल वाले एक कर्मचारी के भरोसे छोड़ा प्लांट…वाल्व तक नहीं बदल पाया; जालंधर के अस्पताल में कैसे ठप हुई थी ऑक्सीजन सप्लाई?

रविवार को पंजाब के जालंधर सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने की वजह से तीन मरीजों की मौत हो गई. इस मामले में शुरुआती जांच में एक बड़ी...


रविवार को पंजाब के जालंधर सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने की वजह से तीन मरीजों की मौत हो गई. इस मामले में शुरुआती जांच में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. घटना के वक्त क्लास 4 के कर्मचारी ऑक्सीजन प्लांट का काम संभाल रहा था, जिसे तकनीकी तौर पर ऑक्सीजन प्लांट को हैंडल करने का कोई तजुर्बा नहीं था. जब ऑक्सीजन सप्लाई रुकी तो मरीजों की मौत हो गई.


अस्पताल में दो टेक्नीशियन हैं. रविवार को एक टेक्नीशियन छुट्टी पर था, जबकि दूसरा टेक्नीशियन अपनी शिफ्ट खत्म करने के बाद जा चुका था. टेक्नीशियन नहीं होने की वजह से ऑक्सीजन प्लांट संभालने की जिम्मेदारी एक फोर्थ क्लास कर्मचारी को सौंप दी गई. रविवार शाम करीब 7 बजे 1000 लीटर पर मिनट (एलपीएम) ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई का प्रेशर कम हो गया. पहले इसे लेकर किसी को जानकारी ही नहीं लगी.

 

वॉल्व को बदल नहीं पाया कर्मचारी


जब हॉस्पिटल प्रशासन को इसे लेकर पता लगा तो फोर्थ क्लास कर्मचारी को ऑक्सीजन प्लांट में बैकअप सिलेंडर को शुरू करने के लिए एक वॉल्व बदलना था, लेकिन फोर्थ क्लास का ये कर्मचारी तकनीक न जानने की वजह से इस वॉल्व को बदल नहीं पाया और इस वजह से बैकअप सिलेंडर से ऑक्सीजन की सप्लाई मरीजों के लिए शुरू नहीं हो सकी. ऑक्सीजन का प्रेशर कम होने के कारण कुछ देर बाद तीन मरीजों की मौत हो गई.


लापरवाही से गई तीन मरीजों की जान!


आनन-फानन में ICU के स्टाफ ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और सिलेंडर से मैनुअल तरीके से मरीजों को ऑक्सीजन देने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और तीनों मरीजों ने दम तोड़ दिया था. मृतकों के शव को परिजनों को सौंप दिया गया. एक लापरवाही के चलते तीन मरीजों की जान चली गई. एक ऐसा कर्मचारी ऑक्सीजन प्लांट का काम संभाल रहा था, जिसे तकनीकी तौर पर ऑक्सीजन प्लांट को हैंडल करने का कोई अनुभव नहीं था. ऐसे में वह वॉल्व को बदल नहीं पाया.


पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?


जालंधर सिविल अस्पताल में तीन मरीजों की मौत पर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा था कि ये मरीज आईसीयू में थे और गंभीर स्थिति में थे. ऑक्सीजन की आपूर्ति कुछ देर के लिए बंद हो गई थी, लेकिन इसे तुरंत चालू कर दिया गया था. ऑक्सीजन की आपूर्ति पूरी है, बस थोड़ी देर के लिए दबाव कम हुआ था. शायद 1-2 मिनट के लिए.


उन्होंने आगे कहा कि ये मौतें एक साथ नहीं हुईं हैं. वे एक के बाद एक, 10-15 मिनट के अंतराल पर हुईं. एक के फेफड़ों में कंसॉलिडेशन था, दूसरा मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर का मरीज था, और तीसरा नशे का आदी था. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ से डॉक्टरों की एक टीम यहां जांच के लिए आएगी. हम मामले की विस्तृत जांच करेंगे, क्योंकि इस मामले में कई लोग शामिल हैं. 48 घंटे में एक रिपोर्ट जारी की जाएगी.




कोई टिप्पणी नहीं