फरीदाबाद के अनंगपुर गांव में आज गांव की चौपाल पर अरावली क्षेत्र में वन विभाग की तोड़फोड़ के खिलाफ ग्रामीणों की पंचायत चल रही है। पंचायत में ...
फरीदाबाद के अनंगपुर गांव में आज गांव की चौपाल पर अरावली क्षेत्र में वन विभाग की तोड़फोड़ के खिलाफ ग्रामीणों की पंचायत चल रही है। पंचायत में एनसीआर से बड़ी संख्या में गुर्जर समाज के लोग भी पहुंचे हैं। चौपाल पर जुटे ग्रामीणों को भारतीय किसान यूनियन सहित कई किसान संगठनों का समर्थन मिल रहा है।
ग्रामीणों और किसान यूनियन के नेताओं का कहना है कि अनंगपुर गांव सदियों पुराना है। यहां बसे लोग कई पीढ़ियों से रह रहे हैं। वन कानून बहुत बाद में बना, इसलिए गांवों पर इसको जबरन लागू किया जाना गलत है। पंचायत में वक्ताओं ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह पूरे देश में बुलडोजर चला रही है और अब पुराने गांवों को भी उजाड़ने में लगी है।
ग्रामीणों ने साफ कहा कि वे किसी भी कीमत पर गांव में तोड़फोड़ नहीं होने देंगे। लोगों का कहना है कि आबादी वाले पुराने गांवों को नुकसान पहुंचाना अन्याय है।
घर टूटने के डर से अनंगपुर के लोग धरने पर डटे
बता दें कि, घर टूटने के डर से अनंगपुर के लोग धरने पर डटे हुए हैं। धरने पर बैठे ग्रामीणों को शुक्रवार को कांग्रेसी नेता विजय प्रताप और किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधि समर्थन देने को पहुंचे थे। इस दौरान रविवार 6 जुलाई को पंचायत और 13 जुलाई को राष्ट्रीय पंचायत बुलाने का फैसला लिया गया। लोगों ने वन विभाग की कार्रवाई को गलत और अनंगपुर गांव की जमीन को ग्रामीणों की मिल्कियत बताया।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली क्षेत्र में बने अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई चल रही है। अब तक पहले फेज की कार्रवाई में 420 ढांचों को गिराए गए हैं। वन विभाग की कार्रवाई की जद में अनंगपुर गांव भी शामिल है। इसके चलते अनंगपुर के लोग इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं।
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