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अवैध प्रवासी बनवा रहे फर्जी आधार कार्ड, सख्त हों नियम... दिल्ली के मुख्य सचिव की LG को चिट्ठी

  दिल्ली के मुख्य सचिव ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक चिट्ठी लिखकर आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में सख्त नियम लागू करने की मांग की है...

 


दिल्ली के मुख्य सचिव ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक चिट्ठी लिखकर आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में सख्त नियम लागू करने की मांग की है। यह कदम अवैध प्रवासियों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के जरिए आधार कार्ड हासिल करने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए उठाया गया है। चिट्ठी में कहा है कि कई अवैध अप्रवासी नागरिक गलत करीके से आधार कार्ड हासिल कर रहे हैं।


राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा


चिट्ठी में लिखा है कि सुरक्षा समीक्षा बैठकों में यह बात सामने आई है कि कई अवैध प्रवासी फर्जी दस्तावेजों या गलत जानकारी के आधार पर आधार कार्ड हासिल कर रहे हैं। इसका असर केवल आधार तक सीमित नहीं है, बल्कि ये लोग पासपोर्ट और वोटर आईडी जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बना रहे हैं। इतना ही नहीं, वे सरकारी कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने के साथ-साथ स्थानीय नौकरियों पर भी कब्जा जमा रहे हैं, जिससे दिल्ली के स्थानीय श्रम बाजार पर बुरा असर पड़ रहा है। यह स्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा बन रही है।


सख्त हों आधार के नियम


मुख्य सचिव ने आधार (नामांकन और अपडेट) विनियम, 2016 के तहत रजिस्ट्रारों की जिम्मेदारियों पर फिर से विचार करने की बात कही है। खासतौर पर फील्ड-लेवल कार्यान्वयन, निगरानी और सत्यापन प्रक्रियाओं को और मजबूत करने की जरूरत है। उपराज्यपाल ने इस मामले में गहरी चिंता जताई है और सभी रजिस्ट्रारों को दो महीने के भीतर आधार नामांकन को पूरी तरह इन-हाउस मॉडल में बदलने का निर्देश दिया है।


UIDAI का पुराना आदेश अब तक क्यों नहीं हुआ लागू?


UIDAI ने 14 अक्टूबर, 2022 को एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वे 31 मार्च, 2023 तक आधार नामांकन को आउटसोर्स से इन-हाउस मॉडल में शिफ्ट करें। लेकिन दिल्ली में यह व्यवस्था अभी तक लागू नहीं हो सकी है। कई रजिस्ट्रार अभी भी नामांकन एजेंसियों पर निर्भर हैं और कुछ ने मशीनें खरीदने के लिए टेंडर भी जारी किए हैं। इस असमानता को दूर करने के लिए उपराज्यपाल ने सख्त कदम उठाने का आदेश दिया है।


15 जुलाई तक मांगी गई पूरी जानकारी


उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार और नगर निगमों द्वारा संचालित सभी आधार नामांकन केंद्रों की विस्तृत जानकारी 15 जुलाई, 2025 तक जमा करने का निर्देश दिया है। इसमें केंद्रों के संचालन के तरीके और वर्तमान स्थिति की जानकारी शामिल होगी। साथ ही, यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि मशीनें और ऑपरेटर रजिस्ट्रार के रोल पर हैं या किसी मैनपावर हायरिंग एजेंसी से लिए गए हैं।




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