गौतमबुद्ध नगर के इतिहास में पहली बार जिलाधिकारी (डीएम) की कमान किसी महिला अधिकारी को सौंपी गई है। जिलाधिकारी के रूप में मेधा रूपम आज यानी ...
गौतमबुद्ध नगर के इतिहास में पहली बार जिलाधिकारी (डीएम) की कमान किसी महिला अधिकारी को सौंपी गई है। जिलाधिकारी के रूप में मेधा रूपम आज यानी बुधवार को सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट पहुंचकर पदभार संभालेंगी।
अब तक जिले में 25 डीएम रह चुके हैं। मेधा रूपम लगभग एक वर्ष ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में एसीईओ के रूप में कार्य कर चुकी हैं। बतौर एसीईओ मेधा रूपम 24 फरवरी 2023 से जून 2024 तक प्राधिकरण में तैनात रहीं।
इस दौरान वह अपनी सक्रियता को लेकर चर्चा में रहती थीं। इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में औद्योगिक भूखंड आवंटन, शहर की सफाई व्यवस्था, पिंक शौचालय का निर्माण, प्राधिकरण को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू करने में उनका काफी योगदान रहा।
मेधा रूपम वर्ष 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उनकी पहली पोस्टिंग बरेली में सहायक मजिस्ट्रेट के पद पर हुई थी। वह राष्ट्रीय स्तर की शूटर भी रह चुकी हैं। उनके पिता ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के आईएएस अधिकारी थे, जो वर्तमान में केंद्रीय चुनाव आयुक्त हैं। यह परिवार मूलरूप से आगरा का रहना वाला है।
मेधा रूपम की शुरुआती शिक्षा केरल में ही हुई थी। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की एसीईओ से पहले वह हापुड़ की जिलाधिकारी थीं। फिलहाल उन पर कासगंज जिले की जिम्मेदारी थी।
वहीं, मनीष कुमार वर्मा की गौतमबुद्ध नगर के डीएम के तौर पर तैनाती 28 फरवरी 2023 को हुई थी। जिले में उनका कार्यकाल लगभग ढाई साल का रहा। कार्यालय आने वाले हर व्यक्ति से मिलना, उनकी समस्या सुनना, निस्तारण कराना, निर्णय लेने की क्षमता, लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई से वह चर्चा में रहे। उन्हें अब प्रयागराज का डीएम बनाया गया है।
यीडा से कपिल सिंह कार्य मुक्त
यमुना प्राधिकरण (यीडा) के एसीईओ कपिल सिंह मंगलवार को प्राधिकरण से कार्य मुक्त हो गए। शासन ने उन्हें कानपुर देहात के जिलाधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी है। प्राधिकरण में मंगलवार को उनके लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया। अधिकारियों ने उन्हें नई जिम्मेदारी की शुभकामनाएं दीं।
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