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लखनऊ: असलहों की फैक्ट्री मामले में हकीम तो प्यादा, असली खिलाड़ी कोई और? पोलैंड से POK और चीन तक कनेक्शन

लखनऊ का मलिहाबाद मालदह आमों के लिए मशहूर है. अब एक अपराध की सुर्खियों में है. जांच में सामने आया कि इस तस्करी रैकेट का मास्टरमाइंड कोई और नह...


लखनऊ का मलिहाबाद मालदह आमों के लिए मशहूर है. अब एक अपराध की सुर्खियों में है. जांच में सामने आया कि इस तस्करी रैकेट का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि मलिहाबाद तिहरे हत्याकांड का आरोपी लल्लन खां का भतीजा, ख्वाजा मोहम्मद गौस है. शुरू में पुलिस को लगता था कि सलाऊद्दीन उर्फ लाला इस रैकेट का सरगना है, लेकिन गहन छानबीन ने गौस को इस काले खेल का असली खिलाड़ी साबित किया.


गौस की एक तस्वीर, जिसमें वह बाराशिंगा के साथ नजर आ रहा था, सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. यह तस्वीर केवल एक फोटो नहीं थी, बल्कि एक बड़े अपराधी नेटवर्क की कड़ी थी. जांच में पता चला कि सलाऊद्दीन के घर से बरामद बाराशिंगा की खाल उसी जानवर की थी, जिसके साथ गौस की तस्वीर ली गई थी. इस खुलासे ने पुलिस को चौंका दिया, क्योंकि यह केवल अवैध हथियारों की तस्करी नहीं, बल्कि वन्यजीव तस्करी से भी जुड़ा था.


पोलैंड से POK और चीन तक कनेक्शन


जांच के दौरान पुलिस को चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. गौस का नेटवर्क न केवल भारत तक सीमित था, बल्कि इसका दायरा पोलैंड, POK, और चीन तक फैला हुआ था. सूत्रों के अनुसार, गौस के पास चीनी निर्मित अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा था, जो वह अवैध रूप से भारत में सप्लाई करता था. POK के संदिग्धों के साथ उसकी बातचीत के सबूत भी मिले.


पुलिस को शक है कि गौस का यह रैकेट आतंकवादी संगठनों को हथियार सप्लाई करने में भी शामिल हो सकता है. लखनऊ पुलिस के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी इस मामले की गहन जांच में जुटी हैं. गौस के पकड़े जाने पर इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का और खुलासा होने की उम्मीद है.


एसटीएफ ने सलाऊद्दीन के घर पर छापेमारी की


25 जून 2025 की रात को मलिहाबाद, माल, और रहीमाबाद थानों की पुलिस और यूपी एसटीएफ ने सलाऊद्दीन के घर पर छापेमारी की थी. इस दौरान सैकड़ों कारतूस, अवैध हथियार, और हथियार बनाने का सामान बरामद हुआ. सलाऊद्दीन को हिरासत में लिया गया, लेकिन गौस को पुलिस की भनक लग गई और वह बड़ी संख्या में हथियारों के साथ फरार हो गया.


सूत्रों के मुताबिक, गौस के पास अत्याधुनिक हथियारों का बड़ा जखीरा है. उसने अपने नेटवर्क के जरिए इन हथियारों को कई राज्यों और शायद सीमा पार भी पहुंचाया. गौस की फरारी ने पुलिस के लिए चुनौती बढ़ा दी है, क्योंकि वह न केवल हथियार तस्करी में माहिर है, बल्कि अपनी पहचान छिपाने और पुलिस को चकमा देने में भी उस्ताद है.


जब पुलिस ने गौस को गिरफ्तार किया था, तो उसने बताया था कि उसकी तस्वीर 10 साल पुरानी थी और उसके विरोधियों ने उसे फंसाने के लिए इसे छेड़छाड़ कर वायरल किया. लेकिन पुलिस आज भी इस दावे को मानने को तैयार नहीं है. एसीपी विनीत सिंह ने बताया कि बाराशिंगा मामले में केस दर्ज है.




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