केरलः उपचुनाव से पहले छात्र की मौत से सियासी पारा हाई, UDF-LDF ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप


केरल में एक लड़के की मौत ने सियासी पारा हाई कर दिया है. यहां के मलप्पुरम के वाझिकाडावु में जंगली सूअर को पकड़ने के लिए लगाए गए अवैध जाल की चपेट में आने से करंट लगने से एक लड़के की मौत हो गई, जिसके बाद उपचुनाव वाले नीलांबुर क्षेत्र में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है और राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया.


पुलिस का कहना है कि शनिवार को 10वीं कक्षा का छात्र जीतू और अपने 3 दोस्तों के साथ जंगली सूअरों को पकड़ने के लिए निजी जमीन पर अवैध तरीके से लगाए गए बिजली के तार के संपर्क में आ गए. हालांकि घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन जीतू की मौत हो गई, जबकि 2 अन्य दोस्त गंभीर रूप से घायल हो गए.


उपचुनाव से पहले मौत से राजनीतिक तनाव


हादसा ऐसे समय हुआ है जब नीलांबुर में 19 जून को विधानसभा उपचुनाव होने वाला है. अब इस लड़के की मौत ने वहां पर राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है. विपक्षी गठबंधन यूडीएफ ने लड़के की मौत को “सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या” करार दिया और इस तरह के अवैध जालों के खिलाफ प्रशासनिक निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया.


राज्य के वन मंत्री ए के ससींद्रन ने आज रविवार को उक्त आरोपों से इनकार करते हुए इसे उपचुनाव से पहले “राजनीतिक साजिश” बताया. लड़के की मौत के बाद कल शनिवार रात कांग्रेस और आईयूएमएल कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने सड़कें जाम कर दीं और स्थानीय पुलिस स्टेशन तक मार्च भी निकाला. इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई.


बीजेपी ने भी लगाया लापरवाही का आरोप


दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं ने भी अलग-अलग प्रदर्शन किए और राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया.


नीलांबूर उपचुनाव में यूडीएफ के उम्मीदवार आर्यदान शौकत और एलडीएफ के प्रत्याशी एम स्वराज ने कल रात अस्पताल का दौरा किया, जहां पर लड़के जीतू शव रखा गया है.


मलप्पुरम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए शौकत ने कहा कि यह घटना “राज्य प्रायोजित हत्या” है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केरल राज्य विद्युत बोर्ड (केएसईबी) की जानकारी में इस तरह के बिजली के अवैध जाल बिछाए गए हैं, इसलिए सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती. एलडीएफ के प्रत्याशी स्वराज ने इस घटना की व्यापक जांच की भी मांग की.


राजनीतिक साजिश की संभावनाः मंत्री


घटना और विरोध प्रदर्शन के बीच मंत्री ससींद्रन ने कहा कि उपचुनाव से पहले स्थानीय लोगों की भावनाओं को सरकार और वन विभाग के खिलाफ भड़काने की जानबूझकर कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि व्यापक जांच चल रही है.


मंत्री ने इस घटना को “दुखद और दर्दनाक” बताया और कहा कि एक किशोर की मौत हो गई है और 2अन्य की हालत गंभीर है. उन्होंने कहा, “यह घटना एक निजी संपत्ति वाले क्षेत्र में हुई. जबकि मालिक का कहना है कि उसने वहां ऐसी कोई अवैध जाल नहीं लगाई थी. स्थानीय लोगों ने भी कहा कि कल शाम तक वहां ऐसी कोई जाल या बाड़ नहीं थी. केएसईबी अधिकारियों ने पुष्टि की कि उन्हें इस बारे में पता नहीं था.”


अब तक 2 लोग हिरासत में


उन्होंने कहा कि वन्यजीव विभाग भी लंबे समय से इलेक्ट्रिक बाड़ का उपयोग नहीं कर रहा है. इसलिए, हम इस घटना के पीछे एक राजनीतिक साजिश की संभावना से इनकार नहीं कर सकते. व्यापक जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि स्थानीय लोगों को कल रात इस घटना के बारे में जानकारी मिली जबकि यूडीएफ की ओर से मलप्पुरम में पहले ही विरोध मार्च कैसे कर लिया गया.


मंत्री ने कहा कि इस संबंध में पुलिस ने 2 लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है. वहीं पुलिस का कहना है कि घटना में बीएनएस 105 (हत्या के लिए दोषी नहीं होने वाली गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है.




 

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