राजधानी दिल्ली का जंतर मंतर एक बार फिर आंदोलन की गूंज से भर गया। कल कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के खिलाफ देश...
राजधानी दिल्ली का जंतर मंतर एक बार फिर आंदोलन की गूंज से भर गया। कल कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के खिलाफ देशभर से आए हजारों छात्र और शिक्षक सड़कों पर उतर आए। 'दिल्ली चलो' के नारे के साथ शुरू हुआ यह प्रदर्शन देखते ही देखते काफी बड़ा हो गया। पुलिस की कार्रवाई और शिक्षकों की हिरासत ने इसे और गरमा दिया है। इस प्रदर्शन में कई जाने माने टीचर्स भी शामिल थे, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने डीटेन किया। ये पूरा मामला है क्या? आखिर छात्र प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? हर एक बात समझिए।
SSC पर आखिर क्यों भड़के छात्र?
कर्मचारी चयन आयोग यानी SSC की सिलेक्शन पोस्ट फेज 13 हाल के दिनों में विवादों के केंद्र में रही हैं। छात्रों का आरोप है कि एसएससी की परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी, बार-बार परीक्षाओं का रद्द होना और तकनीकी खामियों ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। परीक्षा के बाद से ही छात्र लगातार इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर हैशटैग चलाए जा रहे हैं। छात्रों की कुछ शिकायतें ये हैं...
- परीक्षा केंद्रों का गलत आवंटन: कई छात्रों को उनके गृह राज्य से सैकड़ों किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए। उदाहरण के लिए, कानपुर के एक छात्र को कर्नाटक में केंद्र दिया गया।
- तकनीकी गड़बड़ियां: परीक्षा के दौरान सिस्टम क्रैश, माउस न चलना और सर्वर की समस्याएं आम थीं। इंदौर में तो कुछ उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र में बंद कर दिया गया और कथित तौर पर उनकी पिटाई भी की गई।
- परीक्षाओं का अचानक रद्द होना: SSC ने 24 से 26 जुलाई 2025 तक होने वाली सिलेक्शन पोस्ट फेज 13 की कुछ परीक्षाएं प्रशासनिक और तकनीकी कारणों से रद्द कर दीं, जिससे छात्रों में रोष बढ़ गया।
- आंसर की में गलतियां: एग्जाम रिजल्ट और आंसर की में बार-बार गलतियां होने से छात्रों का मानसिक तनाव बढ़ा है।
- छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल: कुछ परीक्षा केंद्रों पर छात्राओं को देर रात तक रोके रखने के मामले सामने आए, जिसे छात्रों ने उनकी गरिमा और सुरक्षा का उल्लंघन बताया।
इन मुद्दों ने छात्रों को एकजुट होने और दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया। उनकी मांग है कि SSC की परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए, स्वतंत्र जांच हो और तकनीकी समस्याओं का स्थायी समाधान निकाला जाए।
जंतर-मंतर पर किया 'दिल्ली चलो' प्रदर्शन
31 जुलाई 2025 को सुबह से ही जंतर मंतर पर छात्रों और शिक्षकों की भीड़ जमा होने लगी। यह प्रदर्शन 'दिल्ली चलो' के नाम से शुरू हुआ, जिसमें देशभर से आए SSC अभ्यर्थी और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षक शामिल हुए। प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) कार्यालय तक अपनी मांगें लेकर पहुंचना चाहते थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद, जब प्रदर्शनकारी DoPT कार्यालय की ओर बढ़े, तो पुलिस ने बल प्रयोग किया। कई शिक्षकों और छात्रों को हिरासत में लिया गया और कुछ पर कथित तौर पर लाठीचार्ज भी किया गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारियों को बसों में भरकर नजफगढ़ और बवाना थानों में ले जाते देखा गया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने चोटिल होने की शिकायत भी की।
ये जाने माने शिक्षक भी प्रदर्शन में शामिल
इस प्रदर्शन में कई जाने-माने शिक्षक शामिल हुए, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं। इसमें इंग्लिश की टीचर नीतू मैम, अभिनय सर, राकेश यादव, आदित्य रंजन और गोपाल वर्मा शामिल हैं। कुछ टीचर्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इन शिक्षकों ने न केवल छात्रों का मार्गदर्शन किया, बल्कि उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उनकी हिरासत और पुलिस कार्रवाई ने सोशल मीडिया पर #SSCMisManagement, #SSCVendorFailure, और #SSCReforms2025 जैसे हैशटैग को ट्रेंड करा दिया।
पुलिस की कार्रवाई से बड़ी विवाद
प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस की कार्रवाई ने विवाद को और बढ़ा दिया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने के लिए अनावश्यक बल प्रयोग किया। कुछ शिक्षकों ने दावा किया कि उनके साथ बर्बरता की गई और एक शिक्षक का हाथ टूटने की बात भी सामने आई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पुलिस को प्रदर्शनकारियों को बसों में ले जाते देखा गया, जिसने छात्रों और शिक्षकों में गुस्से को और भड़का दिया। शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के दौरान महिला पुलिस की गैर मौजूदगी में महिला शिक्षकों को हिरासत में लिया गया, जो नियमों का उल्लंघन है। दिल्ली पुलिस ने अभी तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिससे मामला और संवेदनशील हो गया है।
SSC के खिलाफ यह आंदोलन केवल एक दिन का प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक लंबे समय से चली आ रही असंतुष्टि का परिणाम है। छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे चुप नहीं बैठेंगे। जंतर मंतर पर शाम को फिर से प्रदर्शनकारी जमा हुए, और पुलिस ने एक बार फिर उन्हें हिरासत में लिया।
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