राजधानी दिल्ली में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच जाने के कारण यमुना बाजार, शास्त्री पार्क, अक्षरधाम के पास किशन कुंज सहित निच...
राजधानी दिल्ली में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच जाने के कारण यमुना बाजार, शास्त्री पार्क, अक्षरधाम के पास किशन कुंज सहित निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। यहां के स्थानीय निवासियों को 2023 में आई बाढ़ का मंजर याद आ गया। उस वक्त भी सैकड़ों लोगों को सामान समेटकर दूसरे स्थान पर जाना पड़ा था। मंगलवार को भी बहुत से लोग अपना घर छोड़कर टैंट और तिरपालों में रहने चले गए। जिला प्रशासन ने इनके लिए व्यवस्था की है।
झुग्गियां छोड़कर तिरपाल के नीचे लेनी पड़ी शरण
यमुना में जलस्तर बढ़ने से शास्त्री पार्क के पास कई परिवारों को झुग्गियां छोड़कर सड़क किनारे तिरपाल के नीचे शरण लेनी पड़ी है। हालात यह हैं कि यहां अब तक न तो प्रशासन की ओर से टेंट लगाए गए हैं और न ही मेडिकल कैंप की व्यवस्था की गई है। उमस के बीच छोटे-छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग खुले आसमान तले समय गुजारने को मजबूर हैं।

लोगों ने पेट पालने के लिए सड़क पर ही चूल्हा बना लिया है। लोग उमस से बचने के लिए हाथ से पंखा करते नजर आए। पीड़ित परिवारों का कहना है कि जलस्तर बढ़ने की वजह से उनकी रोजी-रोटी और बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। कई मजदूर अब रोजगार से भी हाथ धो बैठे हैं। लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द टेंट, मेडिकल सुविधाएं और खाने-पीने की व्यवस्था कराई जाए, ताकि वे सुरक्षित रह सकें। दोपहर में एसडीएम ने यहां का दौरा कर व्यवस्था का जायजा लिया और अधिकारियों को जल्द से जल्द टेंट और मेडिकल कैंप लगाने के निर्देश दिए।
बाढ़ग्रस्त बस्ती में पहुंचीं मुख्यमंत्री
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। निचले इलाके की कई बस्तियों में पानी भर गया है। हालात का जायजा लेने के लिए मंगलवार को खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना बाजार स्थित बाढ़ग्रस्त बस्ती का दौरा किया। सीएम ने यहां मौजूद लोगों से बातचीत की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है। फिलहाल, यमुना से सटे इलाकों में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। यमुना का जलस्तर घटने लगा है।

मुख्यमंत्री सुबह लगभग 10 बजे यमुना बाजार स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के सामने बनी बस्ती में पहुंचीं। उन्होंने देखा कि लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ है। मुख्यमंत्री खुद भी पानी में उतरीं और लोगों से उनकी परेशानियों के बारे में जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
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