झारखंड में अवैध रेत खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन) के एक मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साओ के...
झारखंड में अवैध रेत खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन) के एक मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साओ के बेटे अंकित राज और छह अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर कर दिया। कांग्रेस नेता साओ झारखंड के कृषि मंत्री रह चुके हैं। ईडी का आरोप है कि अंकित राज राज्य में चल रहे एक व्यापक, व्यवस्थित और बहुस्तरीय अवैध रेत खनन सिंडिकेट का मास्टरमाइंड था, जिसने इस अपराध के जरिए काफी कमाई अर्जित की।
एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि अंकित राज ने 2019 में अपने खनन लाइसेंस की अवधि समाप्त होने के बाद भी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लंबे समय तक हाहारो, प्लांडु और दामोदर नदियों से अवैध रूप से रेत निकालना और बेचना जारी रखा।
ईडी का कहना है कि, 'सिंडिकेट ने इस अवैध काम के जरिए हुई कमाई को सफेद करने के लिए एक खास तरीका अपनाया। उसने बताया कि अवैध रूप से खनन की गई रेत को आरोपी अपने सहयोगियों के लाइसेंस प्राप्त यार्डों में भेज देते थे, और उसे वैध स्टॉक के साथ मिलाकर बताते थे। इस तरह उन्होंने वैधानिक नियमों की अवहेलना करके आपराधिक आय अर्जित की और नकदी जमा करने के साथ ही वित्तीय लेनदेन के एक जटिल नेटवर्क के माध्यम से अवैध धन को सफेद किया।'
ईडी की जांच के अनुसार, इस तरह रेत खनन करके सिंडिकेट ने 3.12 करोड़ रुपए की आपराधिक आय अर्जित की। जिसके बाद इस केस में ईडी ने अंकित राज की 28 अचल संपत्तियों और दो फिक्स्ड डिपॉजिट सहित 3.02 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की हैं। ईडी ने पिछले साल मार्च और जुलाई में इस मामले के सिलसिले में तलाशी ली थी।
मनीलॉन्ड्रिंग का यह मामला पूर्व मंत्री साओ, उनके परिवार और उनके सहयोगियों के खिलाफ झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज 16 विभिन्न FIR से जुड़ा है। जिनमें जबरन वसूली, अवैध रेत खनन, सरकारी कामकाज में बाधा डालना और झारखंड टाइगर ग्रुप नाम के एक गैरकानूनी संगठन को चलाने जैसी कई आपराधिक गतिविधियों के लिए दर्ज FIR शामिल हैं।
जांच एजेंसी की तरफ से बताया गया कि इस मामले में जिन पांच अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है, उनके नाम मनोज कुमार अग्रवाल, पंचम कुमार, संजीव कुमार, मनोज प्रसाद दांगी, अनिल कुमार और बिंदेश्वर कुमार दांगी हैं। इस बारे में अभियोजन पक्ष की शिकायत गुरुवार को रांची स्थित PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) की एक विशेष अदालत में दायर की गई थी।
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