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मुंह से निकली हवा को शब्दों में बदलेगा सेंसर

  नई दिल्ली, एजेंसी। वैज्ञानिकों ने बोलने में असमर्थ और आवाज संबंधी विकारों से जूझ रहे लोगों के लिए एक अनोखा सेंसर विकसित किया है। यह सेंसर ...

 


नई दिल्ली, एजेंसी। वैज्ञानिकों ने बोलने में असमर्थ और आवाज संबंधी विकारों से जूझ रहे लोगों के लिए एक अनोखा सेंसर विकसित किया है। यह सेंसर मुंह से निकलने वाली हवा की हलचल को समझकर उसे शब्दों में बदल सकता है। आईआईटी गुवाहाटी और अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मिलकर अंडरवॉटर वाइब्रेशन सेंसर विकसित किया है। विज्ञान पत्रिका एडवांस्ड फंक्शनल मैटीरियल्स में इसकी जानकारी प्रकाशित हुई है। फिलहाल यह सेंसर प्रयोगशाला स्तर पर लगभग तीन हजार रुपये में तैयार हुआ है। अगर औद्योगिक स्तर पर इसका निर्माण होता है, तो इसकी लागत और भी कम हो सकती है।

पानी की कंपन से लगता है अनुमान आईआईटी गुवाहाटी के रसायन विभाग के प्रोफेसर उत्तम मन्ना ने बताया, यह सेंसर एक विशेष प्रकार के स्पंज से बना है। इसे पानी और हवा के संपर्क में रखा जाता है। जब कोई व्यक्ति बोलने की कोशिश के दौरान मुंह से हवा छोड़ता है (चाहे बिना आवाज के ही क्यों न हो) तो यह सेंसर पानी में उत्पन्न होने वाली सूक्ष्म लहरों को समझकर उन्हें इलेक्ट्रिकल सिग्नल में बदल देता है। इन सिग्नल का न्यूरल नेटवर्क मॉडल की मदद से विश्लेषण किया जाता है, जिससे यह सिस्टम हवा की हरकत से शब्दों का अनुमान लगा लेता है। कई क्षेत्रों में उपयोग संभव वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका उपयोग एक्सरसाइज ट्रैकिंग, मूवमेंट डिटेक्शन और यहां तक कि पानी के अंदर संवाद में भी किया जा सकता है, क्योंकि यह सेंसर लंबे समय तक पानी के भीतर भी प्रभावी ढंग से काम करता है।




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