पिछले दो महीनों में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगभग 16 हजार लोगों को कुत्तों ने काटा। सरकारी चिकित्सकीय संस्थानों में ही 12 हजार लोगों ने टी...
पिछले दो महीनों में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगभग 16 हजार लोगों को कुत्तों ने काटा। सरकारी चिकित्सकीय संस्थानों में ही 12 हजार लोगों ने टीका लगवाया। कुत्ते काटने के बाद कई अन्य मरीजों ने निजी संस्थान में टीके लिए।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मई और जून महीने में जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी संस्थानों में लगभग 20 हजार एंटी रेबीज वैक्सीन लोगों को लगाई गई। इसमें से 60 प्रतिशत यानि 12 हजार लोगों को पहली खुराक दी गई। यानि ये कुत्ता काटने के 24 घंटे के अंदर अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। अन्य चार हजार मरीजों को दूसरी, तीसरी और चौथी खुराक दी गई। इसी तरह दो महीनों में चार हजार लोग कुत्ता काटने के बाद निजी अस्पताल, क्लीनिक, नर्सिंग होम आदि में वैक्सीन के लिए गए। कुत्ता काटने के बाद एंटी रेबीज की चार खुराक दी जाती है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. टीकम सिंह ने बताया कि एक महीने में औसतन 10 हजार लोगों को सरकारी संस्थानों में टीके लगाए जाते हैं। कटखने कुत्तों के लिए विभाग ने हॉट स्पॉट भी बनाया है। प्रत्येक साल सर्वे के आधार पर इसकी संख्या घटाई या बढ़ाई जाती है। पिछले साल के मुकाबले इस साल यह संख्या बढ़ी है।
इस साल 28 जुलाई को सबसे 392 मरीज आए : इस साल जिला अस्पताल में 28 जुलाई को एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने 392 मरीज आए, जो इस साल एक दिन में आए सबसे अधिक मरीज हैं। जबकि वर्ष 2018 में एक दिन में 436 मरीज एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने जिला अस्पताल में आए थे, जो अब तक एक दिन में सबसे अधिक मरीज थे। वहीं, दो महीनों में दो हजार से अधिक को बंदर और बिल्लियों ने भी काटा। इनके काटने के बाद भी एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) लगाई जाती है।
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