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6 करोड़ लगाकर G-20 से पहले हुई थी मरम्मत, अभी से दिल्ली के इस फ्लाईओवर में आ गई दरारें

 दिल्ली के दिल में, जहां सत्ता के गलियारे और चमचमाते कॉरपोरेट दफ्तर आसपास बिखरे हैं, वहां बराखंभा रोड पर बना रंजीत सिंह फ्लाईओवर आज बदहाली क...


 दिल्ली के दिल में, जहां सत्ता के गलियारे और चमचमाते कॉरपोरेट दफ्तर आसपास बिखरे हैं, वहां बराखंभा रोड पर बना रंजीत सिंह फ्लाईओवर आज बदहाली का आलम बयां कर रहा है। कभी नई और पुरानी दिल्ली को जोड़ने वाला यह फ्लाईओवर अब गड्ढों, टूटी दीवारों और गंदगी का ठिकाना बन चुका है। सबसे चिंता की बात यह है कि जी-20 समिट से पहले इस फ्लाईओवर की मरम्मत की गई थी।

G20 की चमक फीकी अब उभरे गड्ढे


2022 में G20 समिट से पहले इस 900 मीटर लंबे फ्लाईओवर को चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी। नई सड़क, मजबूत रेलिंग और शोर रोकने वाली दीवारें सब कुछ दुरुस्त किया गया। लेकिन तीन साल बाद यहां का नजारा ऐसा है जैसे सारी मेहनत पर पानी फिर गया। सड़क पर गड्ढे, टूटी कंक्रीट और खुले में टॉयलेट करने की जगहें यह सब दिल्ली की शान के लिए सवाल खड़े कर रहा है।

बारिश में और बिगड़ा हाल


मानसून की बारिश ने इस फ्लाईओवर की हालत को और खराब कर दिया। सड़क की दरारों में पानी रिसने से गड्ढे गहरे हो गए हैं। गुरुवार को हिंदुस्तान टाइम्स की पड़ताल में पता चला कि सड़क की सतह टूटी है, शोर रोकने वाली दीवारों में छेद हैं और बीच की कंक्रीट स्लैब या तो गायब हैं या टूट चुकी हैं। बीजेपी मुख्यालय के सामने वाला हिस्सा, जो कभी 'आजादी का अमृत महोत्सव' की सजावट से गुलजार था, अब बदबू और गंदगी का अड्डा बन गया है।

 

'खतरा बन गया फ्लाईओवर'


रोजाना इस रास्ते से गुजरने वाले लोग इसे न सिर्फ बदसूरत, बल्कि खतरनाक भी बता रहे हैं। फ्लाईओवर के पास के एक क्लिनिक में काम करने वाले मोहम्मद जिया कहते हैं, "उत्तरी छोर पर कई गड्ढे हैं। मैंने लोगों को गिरते और चोटिल होते देखा है। सड़क ऊंची-नीची है, जैसे कोई रोलरकोस्टर हो।" 68 साल के जय प्रकाश मल्होत्रा, जो अपनी दवा की दुकान जाने के लिए इस फ्लाईओवर का इस्तेमाल करते हैं, कहते हैं, "हर बार मरम्मत होती है, लेकिन कुछ बदलता नहीं। गड्ढे बार-बार उभर आते हैं।" वहीं पास की दुकान चलाने वाले शशि कांत का कहना है, "कुछ हिस्सों में पैचवर्क हुआ, लेकिन प्रवेश द्वार के पास गड्ढों का राज है। अबकी बार मरम्मत ठीक से होनी चाहिए।"


1982 से अब तक मरम्मत का अधूरा सिलसिला


1982 में एशियाई खेलों के लिए बना यह फ्लाईओवर दिल्ली की रीढ़ रहा है। 2018 में बीजेपी मुख्यालय के उद्घाटन से पहले रेलिंग को रंगा गया और सजावटी पैनल लगाए गए। 2022 में NDMC ने 4 करोड़ रुपये खर्च कर इसे नया रूप दिया। मई 2023 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2 करोड़ रुपये की लागत से LED लाइट्स और राष्ट्रीय ध्वज जैसी सजावट का वर्चुअल उद्घाटन किया। लेकिन 6 करोड़ रुपये की यह चमक कुछ ही महीनों में फीकी पड़ गई। NDMC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने माना कि फ्लाईओवर की हालत ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, "आने वाले दिनों में मरम्मत का काम शुरू होगा।




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