सीआईसी ने दिया है पीएम की डिग्री की जानकारी साझा करने का आदेश डीयू प्रशासन ने सूचना आयोग के आदेश को हाईकोर्ट में दी है चुनौती नई दिल्ली, प...
सीआईसी ने दिया है पीएम की डिग्री की जानकारी साझा करने का आदेश डीयू प्रशासन ने सूचना आयोग के आदेश को हाईकोर्ट में दी है चुनौती नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय की पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री से जुड़ी याचिका पर अपना फैसला टाल दिया। इस याचिका में केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के डिग्री सार्वजनिक करने के आदेश को चुनौती दी गई है। सीआईसी ने प्रधानमंत्री की स्नातक की डिग्री की जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की अदालत को इस मामले में बुधवार दोपहर फैसला सुनाना था। लेकिन पीठ सुनवाई नहीं कर पाई।
अब यह फैसला 25 अगस्त को सुनाए जाने की संभावना है। इस मामले में बहस के समय डीयू की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि सीआईसी का आदेश रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि निजता का अधिकार जानने के अधिकार से ऊपर है। हालांकि, मेहता ने कहा कि विश्वविद्यालय मोदी की डिग्री से संबंधित अपना रिकॉर्ड अदालत को दिखाने को तैयार है। लेकिन आरटीआई कानून के तहत अजनबियों द्वारा जांच के लिए इसका खुलासा नहीं किया जा सकता। पीठ ने इसी तरह की अन्य याचिकाओं पर भी अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सभी पर एकसाथ फैसला सुनाया जाएगा। पेश मामले में नीरज नाम के एक व्यक्ति द्वारा आरटीआई आवेदन के बाद केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने 21 दिसंबर, 2016 को 1978 में बीए की परीक्षा पास करने वाले सभी छात्रों के रिकॉर्ड की जांच की अनुमति दे दी थी। डीयू का कहना है कि इसी वर्ष प्रधानमंत्री मोदी ने भी यह परीक्षा पास की थी। उच्च न्यायालय ने 23 जनवरी, 2017 को सीआईसी के आदेश पर रोक लगा दी थी। डीयू ने सीआईसी के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी है कि यह छात्रों की जानकारी को एक प्रत्ययी क्षमता में रखता है और जनहित के अभाव में केवल जिज्ञासा किसी को भी आरटीआई कानून के तहत निजी जानकारी मांगने का अधिकार नहीं देती है। इससे पहले आरटीआई आवेदकों के वकील ने सीआईसी के आदेश का इस आधार पर बचाव किया था कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम व्यापक जनहित में प्रधानमंत्री की शैक्षिक जानकारी के प्रकटीकरण का प्रावधान करता है।
कोई टिप्पणी नहीं