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नोएडा फर्जी पुलिस थाना कांड, वीडियो कॉल कर NRI लोगों को ठगते थे, हुए बड़े खुलासे

 नोएडा के सेक्टर-70 में फर्जी पुलिस कार्यालय खोलने के मामले में गिरफ्तार आरोपी वीडियो कॉल कर प्रवासी भारतीयों को निशाना बनाकर ठगी करते थे। प...


 नोएडा के सेक्टर-70 में फर्जी पुलिस कार्यालय खोलने के मामले में गिरफ्तार आरोपी वीडियो कॉल कर प्रवासी भारतीयों को निशाना बनाकर ठगी करते थे। पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लेकर मंगलवार को पूछताछ की तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए।

छह आरोपियों को किया था गिरफ्तार


फेज-3 पुलिस ने 10 अगस्त को सेक्टर-70 में फर्जी पुलिस के कार्यालय का भंडाफोड़ कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस कार्यालय पर हूबहू पुलिस दफ्तरों की तरह बोर्ड लगा था। उस पर ‘इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इंवेस्टीगेशन ब्यूरो’ लिखा था। डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि गिरोह में शामिल विभाष चंद अधिकारी, अराग्य अधिकारी और बाबूल चंद मंडल को पुलिस कस्टडी रिमांड पर मंगलवार को लिया गया।

एनआरआई को बना थे निशाना


पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि गिरोह आम लोगों के अलावा प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) और ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों को भी निशाना बनाता था। ऐसा वीडियो कॉल कर किया जाता था। ठगों द्वारा उन्हें यह विश्वास दिलाया जाता था कि अगर वे जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें भारत आने की अनुमति नहीं मिलेगी और न ही भविष्य में उन्हें ओसीआई कार्ड जारी होगा।


डीसीपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य पीड़ितों को विश्वास दिलाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट टीम के जरिये वीडियो कॉल करते थे, जिसमें वे खुद को अधिकारी बताकर पेश करते थे। पीड़ित खुद को बेकसूर बताता था तो आरोपी कहते थे कि उसे भारत सरकार से पुलिस क्लिरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा, जिसे वह दिला सकते हैं। धनशोधन केस में उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कुछ राशि सीबीआई के सुपरविजन अकाउंट में भेजनी होगी। यह राशि शीघ्र वापस कर दी जाएगी। रुपये भेजने के बाद पीड़ित को एक लेटर भी दिया जाता था, जिस पर सीबीआई और आरबीआई की नकली सील लगी होती थी।




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