दिल्ली में हर वर्ष डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों से हजारों लोग पीड़ित होते हैं। जहां मलेरिया का प्रकोप धीरे-धीरे ...
दिल्ली में हर वर्ष डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों से हजारों लोग पीड़ित होते हैं। जहां मलेरिया का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है, वहीं चिकनगुनिया और डेंगू के मरीजों की संख्या अधिक है। इनमें भी डेंगू सबसे अधिक जानलेवा साबित होता है। इसकी चपेट में युवा और बच्चे सबसे ज्यादा आते हैं।
तीन साल में 1500 से ज्यादा लोगों की डेंगू से मौत
मृत्यु पंजीकरण की रिपोर्ट के अनुसार, तीन वर्षों में दिल्ली में डेंगू से 1591 लोगों की मौत हुई। इसमें से 50.72 प्रतिशत पीड़ितों की उम्र 15 से 44 वर्ष के बीच थी। इसके अलावा 24.26 प्रतिशत मृतक 14 वर्ष तक के बच्चे थे। सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन के निदेशक प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर ने बताया कि डेंगू के चार स्ट्रेन होते हैं। एक स्ट्रेन के वायरस का संक्रमण होने पर उसके प्रति एंटीबॉडी बन जाती है, इसलिए दूसरी बार उस स्ट्रेन के वायरस का संक्रमण नहीं होता है।
दूसरे बारे में दूसरे स्ट्रेन, तीसरी बार में तीसरे और चौथी बार में चौथे स्ट्रेन का संक्रमण होता है। इससे अधिक उम्र के लोगों में डेंगू के चारों तरह के वायरस के प्रति एंटीबॉडी बन जाती है। बच्चों और युवाओं में चारों वायरस के प्रति एंटीबॉडी नहीं होती। इस वजह से डेंगू इनके लिए अधिक जानलेवा होता है।
ऐसे बचाव करें
- घर के ऊपर पड़े कबाड़ और आसपास जमे पानी में मच्छर पनपते हैं, इसलिए साफ सफाई रखें।
- मच्छरों की उत्पत्ति रोकने के लिए दवा की छिड़काव करें।
- पूरे बाजू के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
निगम प्रशासन ने ये कार्रवाई की
- निगम ने नौ अगस्त तक बीमारियों की रोकथाम को लेकर दो करोड़ 53 लाख से अधिक घरों में निरीक्षण किया।
- विभिन्न स्थानों पर एक लाख 14 हजार से अधिक घरों में मच्छर प्रजनन पाए गाए।
- कई उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ 85 हजार से अधिक चालान काटे गए।
- सात लाख से अधिक घरों में दवा का छिड़काव।
जलभराव से बढ़ी बीमारियों की आशंका
दिल्ली में बारिश के बाद कई स्थानों पर जलभराव की समस्या से लोग परेशान हैं। उत्तर पश्चिमी दिल्ली के बेगमपुर, सिंघू गांव, किराड़ी, नांगलोई, मुंडका के ग्रामीण क्षेत्रों में, नरेला जैसे इलाकों में जलजमाव से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया होने की आशंका बढ़ गई है। इस संबंध में दिल्ली नगर निगम प्रशासन ने दावा किया कि मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, निगम के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अधीन मलेरिया इंस्पेक्टर, घरेलू प्रजनन जांचकर्ता कर्मचारी, एमटीएस को सभी जोन में मच्छर प्रजनन की जांच के निर्देश दिए हैं।
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