गुरुग्राम के मानेसर नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर राजनीतिक घमासान चरम पर है। 5 अगस्त को होने वाले चुनाव स...
गुरुग्राम के मानेसर नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर राजनीतिक घमासान चरम पर है। 5 अगस्त को होने वाले चुनाव से पहले ही भाजपा और निर्दलीय पार्षदों के बीच खींचतान जारी है। इसी कड़ी में भाजपा ने निर्दलीय पार्षदों के खेमे में सेंध लगाते हुए पांच पार्षदों को अपनी पार्टी में शामिल करके गुप्त यात्रा पर नेपाल भेज दिया है।
यह कदम निर्दलीय खेमे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। मानेसर निगम के इस चुनाव को सिर्फ मेयर पद तक सीमित नहीं माना जा रहा है। इसमें गुरुग्राम से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के वन मंत्री राव नरबीर सिंह की राजनीतिक साख भी दांव पर लगी है। दोनों गुट अपने-अपने समर्थकों को इन महत्वपूर्ण पदों पर बैठाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। इससे चुनाव का परिणाम और भी दिलचस्प हो गया है।
निर्दलीय और भाजपा एक दूसरे को पटखनी दे रहे
मानेसर निगम चुनाव में 20 पार्षदों में से 13 पार्षद निर्दलीय तो सात भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। जून में सात निर्दलीय पार्षदों को भाजपा में शामिल कर लिया गया था। कुछ दिन बाद निर्दलीय ग्रुप ने भाजपा में शामिल हुए सभी पार्षदों को दिल्ली बुलाकर वहां से गुप्त स्थान पर भेज दिया। इस बीच, एक व्यक्ति ने सीनियर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर अदालत में याचिका दायर की थी। हाईकोई ने एक जुलाई को सरकार को तीन सप्ताह में दोनों पदों के लिए चुनाव करवाने के आदेश दिए।
अब भी भाजपा की राह आसान नहीं
भाजपा भले ही निर्दलीय 12 पार्षदों को अपने पाले में मिलाकर दोनों पदों पर अपने चहेतों को दिलाने की हामी भर रहे हैं, लेकिन भाजपा के राह इतनी आसान नहीं है। पांच अगस्त को चुनाव के दौरान अगर निर्दलीय ग्रुप के आठ पार्षद बैठक में हिस्सा नहीं लेते हैं तो बैठक होना संभव नहीं है। दोनों पदों के चुनाव के लिए पार्षदों की संख्या 14 होना जरूरी है। ऐसे में चुनाव प्रक्रिया रद्द भी हो सकती है। अगर निर्दलीय पार्षद बैठक में नहीं पहुंचते हैं तो बैठक में चुनाव होना संभव नहीं है।
एक-एक पद पर बन सकती है सहमति
निर्दलीय और भाजपा में अब एक सहमति बनने की उम्मीद जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के बीच एक-एक पद को लेकर समझौता हो सकता है। इसमें एक पद भाजपा को तो एक पद निर्दलीय को दिया जा सकता है। ऐसे में पांच अगस्त को चुनाव होना संभव हो सकता है। वहीं भाजपा ने जिन पांच पार्षदों को अपने पाले में मिलाया है उनमें से दो पार्षद निर्दलीय ग्रुप से हैं। वह दोनों पार्षद राव इंद्रजीत के टीम में शामिल माने जाते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं