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डीपीसीसी की रिपोर्ट में यमुना के पानी की गुणवत्ता में दिखे सुधार के संकेत: मनजिंदर सिंह सिरसा

  अमोनियाकल नाइट्रोजन और पीएच स्तर में भी कई स्थानों पर गिरावट आई जब हम यमुना को साफ करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, तब कुछ लोग सिर्फ ...

 


अमोनियाकल नाइट्रोजन और पीएच स्तर में भी कई स्थानों पर गिरावट आई जब हम यमुना को साफ करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, तब कुछ लोग सिर्फ लोगों भ्रांतियां फैलाने में लगे हैं- सिरसा नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की जुलाई 2025 की रिपोर्ट में यमुना के पानी की गुणवत्ता में जून 2025 के मुकाबले साफ सुधार दिखा है। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि जून के आंकड़ों के आधार पर यह कहना कि यमुना ज्यादा प्रदूषित हुई है, आलोचकों की अपरिपक्व या प्रेरित सोच को दर्शाता है। जुलाई 2025 में यमुना के 8 प्रमुख स्थानों पल्ला, वजीराबाद, आईएसबीटी ब्रिज, आईटीओ ब्रिज, निजामुद्दीन ब्रिज, ओखला बैराज और अन्य से लिए गए नमूनों में आईटीओ ब्रिज पर पानी में बीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड) या जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग का स्तर जून में 70 मिलीग्राम प्रति लीटर था, जो जुलाई में घटकर 20 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया।

वहीं ओखला बैराज पर यह स्तर जून में 46 मिलीग्राम प्रति लीटर था, जो जुलाई में घटकर 8 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया। आईटीओ ब्रिज पर पानी में सीओडी (केमिकल ऑक्सीजन डिमांड ) यानी रासायनिक ऑक्सीजन मांग का स्तर जून में 186 मिलीग्राम प्रति लीटर था, जो जुलाई में घटकर 54 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया। वहीं ओखला बैराज पर यह स्तर 100 मिलीग्राम प्रति लीटर से घटकर 30 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया। डिज़ॉल्वड ऑक्सीजन (डीओ) स्तर, जो जून में कई जगहों पर लगभग शून्य था, पल्ला और वजीराबाद में काफी बेहतर हुआ, जिससे पानी में ऑक्सीजन की बढ़ोतरी के संकेत मिले। अमोनियाकल नाइट्रोजन और पीएच स्तर में भी कई स्थानों पर गिरावट आई, जो कम प्रदूषण को दर्शाता है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि बीओडी, सीओडी और डीओ जैसे पैरामीटर में सुधार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह शुरुआती संकेत हैं कि हमारे कदम असर दिखा रहे हैं। लेकिन ये सिर्फ शुरुआत है, यमुना को पूरी तरह साफ़ करना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सालों तक यमुना को डेड रिवर कहा गया, लेकिन आज आंकड़े साफ दिखा रहे हैं कि नदी धीरे-धीरे साफ़ हो रही है। यह सुधार संयोग नहीं बल्कि लगातार चल रहे प्रयासों और हस्तक्षेप का नतीजा है। सरकार द्वारा यमुना की सफाई के लिए आवंटित 500 करोड़ का उपयोग सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स को अपग्रेड करने, नालों को इंटरसेप्ट करने और बिना ट्रीटमेंट के गिरने वाले पानी को रोकने में किया जा रहा है, जिसका सीधा असर पानी की गुणवत्ता पर दिख रहा है। वायु गुणवत्ता भी सुधरी यमुना की सफाई के साथ-साथ पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है जुलाई 2025 में 31 में से 29 दिन दिल्ली का एक्यूआई ‘अच्छाग या ‘संतोषजनक रहा। यह अब तक का सबसे साफ जुलाई है।




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