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'डॉग लवर्स 25000 और NGO 2 लाख करें जमा, अगर ऐसा...', याचिकाकर्ताओं से सुप्रीम कोर्ट का आदेश

  सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 22 अगस्त 2025 को एक अहम फैसला सुनाते हुए वैक्सीनेशन के बाद आवारा कुत्तों को वापस उनके मूल इलाकों में छोड़ने की ...

 


सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 22 अगस्त 2025 को एक अहम फैसला सुनाते हुए वैक्सीनेशन के बाद आवारा कुत्तों को वापस उनके मूल इलाकों में छोड़ने की अनुमति दे दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की तीन जजों की पीठ ने सुनाया।


कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जो कुत्ते आक्रामक व्यवहार वाले हैं या रेबीज से संक्रमित हैं, उन्हें शेल्टर होम से नहीं छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि आवारा कुत्तों को कहीं भी खाना खिलाने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए विशेष स्थान चिन्हित किए जाएंगे, जहां केवल उन्हीं जगहों पर भोजन देने की इजाजत दी जाएगी।


पिछले आदेश में किया संशोधन


यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त 2025 के एक पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए दिया गया है। उस आदेश में जस्टिस जेबी पारडीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने निर्देश दिया था कि सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखा जाए और वैक्सीनेशन के बाद भी उन्हें वापस न छोड़ा जाए। इस फैसले का कई डॉग लवर्स और एनजीओ ने विरोध किया था। इसके चलते मामला मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई के समक्ष लाया गया और फिर 14 अगस्त को तीन जजों की पीठ ने इस पर सुनवाई कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था।


रजिस्ट्री में राशि जमा करना अनिवार्य


सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने वाले डॉग लवर्स और एनजीओ के लिए रजिस्ट्री में राशि जमा करने की शर्त रखी है। आदेश के मुताबिक, डॉग लवर्स को ₹25,000 और एनजीओ को ₹2 लाख की रकम सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 7 दिनों के भीतर जमा करनी होगी। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें भविष्य में इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।




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