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मानेसर में BJP का दांव सफल, बिना लड़े ही सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पदों पर कब्जा

 गुरुग्राम के मानेसर नगर निगम में मंगलवार को हुए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एकतरफा जीत हास...


 गुरुग्राम के मानेसर नगर निगम में मंगलवार को हुए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एकतरफा जीत हासिल की है। भाजपा के उम्मीदवार प्रवीण यादव सीनियर डिप्टी मेयर और रीमा दीपक चौहान डिप्टी मेयर के पद पर निर्विरोध चुन लिए गए। यह चुनाव मेयर डॉ. इंद्रजीत कौर और उनके खेमे के 8 समर्थक पार्षदों की अनुपस्थिति में संपन्न हुआ, जिन्होंने चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार किया।

इस निर्विरोध जीत के साथ ही भाजपा ने मानेसर नगर निगम में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, जहां कुछ महीने पहले हुए मेयर चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा था। तब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर डॉ. इंद्रजीत कौर ने जीत दर्ज की थी, जिन्हें केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह का करीबी माना जाता है।

 

चुनाव से पहले सियासी ड्रामा, नेपाल पहुंचे थे पार्षद


इस चुनाव से पहले हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा सियासी ड्रामा देखने को मिला। अपनी जीत सुनिश्चित करने और किसी भी तरह की क्रॉस वोटिंग से बचने के लिए भाजपा ने अपने और कुछ समर्थक निर्दलीय पार्षदों को कथित तौर पर नेपाल भेज दिया था। सूत्रों के अनुसार, लगभग 12 पार्षद पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के नेतृत्व में नेपाल की यात्रा पर थे और चुनाव के दिन ही गुरुग्राम वापस लौटे। इस कदम ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी थी।

 

मेयर खेमे का बहिष्कार, सरकार पर उत्पीड़न का आरोप


राव इंद्रजीत बनाम राव नरबीर: वर्चस्व की लड़ाई


मानेसर नगर निगम में यह पूरा घटनाक्रम केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के बीच चल रहे राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई का एक और अध्याय माना जा रहा है। मेयर चुनाव में राव इंद्रजीत समर्थित उम्मीदवार की जीत को राव नरबीर के लिए एक झटके के तौर पर देखा गया था। अब सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों पर अपने उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत सुनिश्चित कर राव नरबीर ने फिलहाल बढ़त बना ली है।


इस साल हुए नगर निगम चुनावों में मानेसर एकमात्र ऐसा निगम था जहाँ भाजपा को मेयर पद पर हार मिली थी। कुल 20 पार्षदों वाली इस निगम में भाजपा के सात पार्षद जीते थे, जबकि 13 निर्दलीय थे। बाद में, राव नरबीर के प्रयासों से सात निर्दलीय पार्षद भाजपा में शामिल हो गए, जिससे निगम में भाजपा का संख्या बल बढ़ गया।

 

इस पूरे प्रकरण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में मानेसर नगर निगम की राजनीति में दोनों दिग्गज नेताओं के बीच खींचतान और तेज हो सकती है, जिसका असर क्षेत्र के विकास कार्यों पर भी पड़ने की आशंका है।




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