20 साल के जतिन राठी अपने 85 साल के दादा की इच्छा पूरी करने के लिए हरिद्वार से गंगा जल लेकर अपने गांव आए, लेकिन बीच रास्ते में उनका कंधा फ्रै...
20 साल के जतिन राठी अपने 85 साल के दादा की इच्छा पूरी करने के लिए हरिद्वार से गंगा जल लेकर अपने गांव आए, लेकिन बीच रास्ते में उनका कंधा फ्रैक्चर हो गया। टूटे कंधे पर 51 लीटर गंगाजल रखकर कांवड़ यात्रा पूरी करी। इस बीच लगातार होते असहनीय दर्द को पेनकिलर खाकर झेलते रहे। आखिर में गांव आकर मामला इतना गंभीर हुआ कि उनकी मौत हो गई। यह पूरी घटना हरियाणा के सोनीपत जिले की है। आखिर दादा की इच्छा क्या थी?
दादा की इच्छा क्या थी?
जतिन राठी के दादा का नाम अतर सिंह है। वह सेना से रिटायर्ड सूबेदार हैं। 85 साल के दादा की इच्छा थी कि वह गंगाजल से स्नान करें। इसी इच्छा को पूरी करने के लिए जतिन हरिद्वार गया और वहां से 51 लीटर जल भरकर कांवड़ यात्रा शुरू करी, लेकिन सब अच्छा नहीं बीता। लगातार अधिक वजन उठाने के चलते जतिन के कंधे की मांसपेशियां खिच गईं और कंधा फ्रैक्चर हो गया।
फ्रैक्चर कंधा, गंगाजल और पेनकिलर
लगातार हो रहे असहनीय दर्द और घर पहुंचने में समय के चलते जतिन ने पेनकिलर दवाएं खाना शुरू कर दीं। इस तरह उसने बिना रुके अपनी कांवड़ यात्रा को जारी रखा और कंधे पर प्लास्टर चढ़ाकर गांव पहुंचा। शिवरात्री के दिन जलाभिषेक किया और बाबा की इच्छा पूरी की, लेकिन फिर उसकी तबियत खराब होने लगी।
किडनी लिवर में संक्रमण और होनहार की मौत
सोनीपत में अस्पताल में दिखाया गया तो पता चला कि उसके किडनी और लिवर गंभीर संक्रमण की स्थिति में पहुंच गए हैं। आनन-फानन में उसे पानीपत के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां इलाज के दौरान मौत हो गई। परिवार ने 20 साल के जवान बेटे को खो दिया। गांव-समाज में शोक का माहौल है। घरवालों ने बताया कि बेटे ने 12वीं के बाद IELTS की परीक्षा पास की थी और विदेश जाने की तैयारी कर रहा था। मगर सारे सपने पूरे होने से पहले ही मिट्टी में मिल गए।
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