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गजब लापरवाही है! गाजियाबाद में सरकारी अस्पताल में ढाई साल भी नहीं लगे अग्निशमन यंत्र

 संयुक्त अस्पताल में ढाई साल से अग्निशमन संयंत्र लगाने का कार्य चल रहा है। लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं हो सका। संयंत्र की वजह से कई बार वार...


 संयुक्त अस्पताल में ढाई साल से अग्निशमन संयंत्र लगाने का कार्य चल रहा है। लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं हो सका। संयंत्र की वजह से कई बार वार्ड से लेकर ऑपरेशन थिएटर में तोड़फोड़ हो चुकी है और इससे स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है।

2008 में शुरू हुआ था अस्पताल निर्माण

संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल साल 2008 में शुरू हुआ था। लेकिन अस्पताल में अग्निशमन संयंत्र (फायर फाइटिंग सिस्टम) नहीं लगाया गया था। 2023 में शासन से मेरठ मंडल के कई अस्पतालों में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड (यूपीसीएलडीएफ) को नामित किया गया। इन अस्पतालों में संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल भी शामिल रहा। कार्यदायी संस्था को एक साल में काम पूरा करने की डेडलाइन दी गई थी। शुरुआती दौर में छह महीने के बाद ठेकेदार ने काम बंद कर दिया। करीब कई महीने तक काम बंद रहने के बाद फिर से शुरू हुआ। लेकिन ढाई साल में संयंत्र का काम पूरा नहीं हो पाया है।

कई बार हो चुकी है तोड़फोड़

ठेकेदार ने अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर, वार्ड, इमरजेंसी, अस्पताल परिसर में कई-कई बार तोड़फोड़ कर दी है। लेकिन अभी भी काम खत्म नहीं हो सका है। अस्पताल में फिलहाल आग बुझाने के लिए फायर सिलेंडर और बाल्टी में रेत रखा गया है। एक जून 2024 को ट्रॉमा सेंटर में आग लगने से आधा मिनट तक मरीज अंदर ही फंसे रहे। फायर सिलेंडर से आग बुझाने के बाद ट्रॉमा सेंटर में धुंआ फैल गया। मरीजों को बामुश्किल निकाला गया।




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