जुलाई 2025 दिल्ली के लिए बारिश की मात्रा के मामले में भले ही कोई रिकॉर्ड न तोड़े, लेकिन बारिश के दिनों की संख्या ने सबका ध्यान खींचा है। म...
जुलाई 2025 दिल्ली के लिए बारिश की मात्रा के मामले में भले ही कोई रिकॉर्ड न तोड़े, लेकिन बारिश के दिनों की संख्या ने सबका ध्यान खींचा है। मौसम विभाग के ग्रिडेड डेटा के अनुसार, इस महीने दिल्ली के किसी न किसी हिस्से में 31 में से 23 दिन बारिश हुई। यह 1901 के बाद से जुलाई का "22वां सबसे बारिश वाला महीना" बन गया, अगर बात करें बारिश के दिनों की।
इस महीने कम बरसा पानी
हालांकि बारिश के दिन ज्यादा थे, लेकिन कुल बारिश की मात्रा कुछ खास नहीं रही। 1 से 30 जुलाई तक दिल्ली में 150.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1901 के बाद से जुलाई के लिए 69वें स्थान पर है। यानी बारिश की मात्रा उतनी प्रभावशाली नहीं, जितनी बारिश के दिनों की संख्या से लगती है।
क्या है इस अंतर का राज?
1971-2020 के लंबे समय के औसत (LPA) से तुलना करें तो तस्वीर साफ होती है। इस जुलाई में बारिश की मात्रा LPA से 14% कम रही, लेकिन बारिश के दिन 19% (3.7 दिन) ज्यादा रहे, जो LPA के 19.3 दिनों के औसत से अधिक है। फिर भी, यह 22वां स्थान इतना चौंकाने वाला नहीं, क्योंकि जुलाई दिल्ली का दूसरा सबसे बारिश वाला महीना है और कई सालों में 23 बारिश के दिन दर्ज हुए हैं। पुराने आंकड़ों (1901-1950) से तुलना करें तो यह जुलाई और भी खास लगता है, क्योंकि उस दौर के औसत से बारिश के दिन 26.2% ज्यादा रहे।
सफदरजंग स्टेशन की अलग कहानी
दिल्ली के सबसे पुराने मौसम स्टेशन, सफदरजंग ने इस जुलाई में 220.1 मिमी बारिश दर्ज की, जो LPA (195.8 मिमी) से ज्यादा है। लेकिन यह 2011 के बाद से जुलाई का केवल नौवां सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना है। बारिश के दिनों की बात करें तो सफदरजंग में 21 दिन बारिश हुई, जो 2016 के 22 दिनों के बाद दूसरा सबसे ज्यादा है। हालांकि आईएमडी की परिभाषा के अनुसार, केवल 13 दिन ही बारिश वाले दिन माने गए, क्योंकि इसमें कम से कम 2.5 मिमी बारिश जरूरी होती है।
दिल्ली की बारिश, अलग-अलग नजारे
दिल्ली में बारिश का पैटर्न बेहद स्थानीय है। उदाहरण के लिए, 30 जुलाई को रिज स्टेशन पर 128.8 मिमी बारिश हुई, जबकि नजफगढ़ में केवल 1.5 मिमी। IMD का ग्रिडेड डेटा शहर के विभिन्न स्टेशनों के औसत को ध्यान में रखता है, जो 0.25 डिग्री की दूरी वाले ग्रिड बॉक्स में बंटा होता है। यही वजह है कि शहरव्यापी बारिश की मात्रा सफदरजंग के आंकड़ों से कम दिखती है।
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