नई दिल्ली, एजेंसी। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बैंक- बिल्डर गठजोड़ से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में फ्लैट खरीदारों से धो...
नई दिल्ली, एजेंसी। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बैंक- बिल्डर गठजोड़ से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में फ्लैट खरीदारों से धोखाधड़ी मामले की जांच के लिए 22 एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई अधिकारियों ने बुधवार को ये जानकारी दी। सीबीआई ने बताया कि मामले में जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड, अजनारा इंडिया लिमिटेड, वाटिका लिमिटेड, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड, सुपरटेक और आइडिया बिल्डर्स समेत अन्य का नाम अलग-अलग एफआईआर में शामिल किया है। इसी तरह बैंकों और वित्तीय संस्थानों जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, पिरामल फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड समेत अन्य का नाम सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा यूनिट ने एफआईआर में दर्ज किया है।
सीबीआई ने ये कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटेश्वर सिंह की पीठ के आदेश पर की है। पीठ ने एजेंसी को बिल्डरों और बैंकों के खिलाफ पहले से जारी छह प्रारंभिक जांच को आगे की जांच के लिए 22 नियमित मामलों में बदलने की अनुमति दी थी। मालूम हो कि 29 मार्च को अदालत ने सीबीआई को इस मामले में प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था। वहीं अदालत ने सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ एक प्रारंभिक जांच दर्ज करने की अनुमति दी थी। 799 घर खरीदारों ने आठ शहरों में परियोजनाओं से जुड़ी 84 अपीलों के माध्यम से शीर्ष अदालत का रुख किया है। सबवेंशन स्कीम से जुड़ा है केस ये मामला बैंकों द्वारा दिए जाने वाले सबवेंशन स्कीम से जुड़ा है। इसमें बैंक और वित्तीय संस्थान स्वीकृत गृह कर्ज को सीधे डेवलपर को जारी करते हैं। इसमें डेवलपर फ्लैट का पजेशन देने तक बैंक को ईएमआई का का भुगतान करता है। डेवलपर के डिफॉल्टर होने और वादे के अनुसार ईएमआई का भुगतान नहीं करने पर बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान फ्लैट खरीदार से ईएमआई का भुगतान करने का दबाव बनाते हैं। इसी में हो रही गड़बड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जांच का आदेश दिया था। शीर्ष कोर्ट ने की थी सराहना शीर्ष कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सीबीआई द्वारा इस फर्जीवाड़े का खुलास करने की सराहना की थी। कोर्ट ने बताया था कि सीबीआई ने एक हजार से अधिक लोगों से इस मामले में जांच पड़ताल की है। जांच के तहत 58 प्रोजेक्ट का मुआयना किया। कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई द्वारा दर्ज सातवीं प्रारंभिक जांच, जो सुपरटेक लिमिटेड को छोड़कर विभिन्न बिल्डरों की परियोजनाओं से संबंधित है, जो एनसीआर से बाहर मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, मोहाली और इलाहाबाद में हैं, अभी भी चल रही है। ईएमआई जमा करने का दबाव सप्रीम कोर्ट 1200 फ्लैट खरीदारों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है जिन्होंने सबवेंशन स्कीम के तहत एनीआर खासतौर पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में फ्लैट बुक कराए थे। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि बिना पजेशन दिए बैंक और वित्तीय संस्थान उनसे ईएमआई जमा करने का दबाव बना रहे। , कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि सीबीआई को मामले की जांच के लिए नियमित केस दर्ज करने का आदेश देते हैं। पीठ ने इसके लिए एजेंसी को छह सप्ताह का समय दिया था।
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