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कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अपनी पहचान नहीं करनी होगी सार्वजनिक, QR कोड में छिपी होगी हर जानकारी

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अब अपनी पहचान सार्वजनिक करने की अनिवार्यता से छूट मिल गई है, लेकिन खाद्य सुरक्षा एवं औ...



उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अब अपनी पहचान सार्वजनिक करने की अनिवार्यता से छूट मिल गई है, लेकिन खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) ने एक नया नियम लागू किया है. इसके तहत हर दुकानदार को अपनी दुकान पर क्यूआर कोड युक्त प्रपत्र प्रदर्शित करना होगा. इस क्यूआर कोड को स्कैन करते ही ग्राहक दुकानदार का नाम, पता, लाइसेंस नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल जैसे विवरण आसानी से जान सकेंगे.


कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों के नाम और मालिकों की जानकारी को लेकर पहले भी विवाद हो चुके हैं. पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश जारी किया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. अदालत ने इस पर अंतरिम रोक लगा दी थी. इसके बाद 24 सितंबर 2024 को यूपी सरकार ने राज्यभर के भोजनालयों के लिए मालिकों, प्रबंधकों और कर्मचारियों के नाम-पते प्रदर्शित करने का आदेश जारी किया. हालांकि, एफएसडीए एक्ट में नाम जाहिर करने का कोई प्रावधान न होने के कारण अब दुकान का नाम और क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है.


क्यूआर कोड से ग्राहक संतुष्टि और फीडबैक


एफएसडीए ने ग्राहक संतुष्टि के लिए एक विशेष प्रपत्र तैयार किया है, जिसमें दुकान का लाइसेंस नंबर, नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल और टोल-फ्री नंबर के साथ क्यूआर कोड शामिल है. ग्राहक इस कोड को स्कैन कर दुकानदार की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और फूड सेफ्टी कनेक्ट एप के जरिए फीडबैक भी दे सकेंगे. यह व्यवस्था यात्रियों के लिए भोजन की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगी.


नए सिस्टम के तहत ग्राहक खाद्य पदार्थों में मिलावट की शिकायत भी दर्ज कर सकेंगे. शिकायत में ग्राहक को यह बताना होगा कि उन्होंने क्या खाया और किसमें मिलावट की आशंका है. शिकायत अपलोड होते ही विभाग के कंट्रोल रूम को सूचना मिलेगी, और नजदीकी खाद्य निरीक्षक तुरंत जांच के लिए पहुंचेगा. प्राथमिक जांच में मिलावट की पुष्टि होने पर संबंधित खाद्य पदार्थ को नष्ट कराया जाएगा.


मिलावटखोरी रोकने के लिए एफएसडीए ने व्यापक रणनीति बनाई है. कांवड़ यात्रा मार्गों और धार्मिक स्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जिनमें श्रद्धालुओं को खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान करने के तरीके बताए जाएंगे. इसके अलावा, विभाग की मोबाइल वैन भी तैनात रहेगी, जहां लोग खाद्य पदार्थों की जांच करा सकेंगे.


11 जुलाई से शुरू होगी कांवड़ यात्रा


सावन मास में हर साल होने वाली कांवड़ यात्रा इस बार 11 जुलाई से शुरू होगी. इस दौरान लाखों शिवभक्त गंगाजल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे. यात्रा मार्ग पर भोजन की शुद्धता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए यह नई व्यवस्था लागू की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल सके. यह कदम न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि कांवड़ यात्रियों के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय अनुभव भी सुनिश्चित करेगा.




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