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फर्जी लाइसेंस का इस्तेमाल, फिर होती थी कारतूसों की खरीदी… पुलिस ने 5 को पकड़ा

  उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में पुलिस ने कारतूसों का काला कारोबार करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गन हाउस की आड़ में फर्जी शस्त्र लाइस...

 


उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में पुलिस ने कारतूसों का काला कारोबार करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गन हाउस की आड़ में फर्जी शस्त्र लाइसेंस के सहारे कारतूस का कारोबार किया जा रहा था. पुलिस ने इस गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है. कारतूस का काला कारोबार करने वाले गिरोह का नेटवर्क प्रदेश के कई जिलों में फैला है.


पंद्रह अगस्त की सुबह मुखबिर की सूचना पर अनुराग यादव नामक एक युवक को हंसवर थाना पुलिस ने अवैध पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार युवक से पुलिस ने जब पूछताछ की तो पता चला कि अनुराग यादव ने आजमगढ़ जिले के अतरौलिया निवासी ज्ञानचंद से कारतूस खरीदे थे. पुलिस ने ज्ञानचंद को पकड़ने के लिए अनुराग यादव का इस्तेमाल किया. अनुराग ने फोन कर ज्ञानचंद को हंसवर बुलाया.


पुलिस ने जब ज्ञानचंद को गिरफ्तार किया तो उसके पास से दो शस्त्र लाइसेंस और 315 बोर के पांच कारतूस मिले. पुलिस ने जांच की तो पता चला कि दोनों शस्त्र लाइसेंस फर्जी हैं. पुलिस के मुताबिक जिन व्यक्तियों के नाम शस्त्र लाइसेंस हैं उन लोगों ने लाइसेंस के लिए आवेदन तो किया था लेकिन उन्हें लाइसेंस कभी मिला ही नहीं. इन्हीं दो फर्जी लाइसेंस पर अंबेडकरनगर के अकबरपुर के अवध गन हाऊस से कारतूसों की खरीददारी सामने आई.


फर्जी लाइसेंसों पर कारतूसों की खरीदी


पुलिस ने जानकारी मिलते ही शुक्रवार की देर रात अवध गन हाउस पर छापा मारा. पुलिस ने गन हाउस के रजिस्टर का मिलान किया तो पता चला कि इस साल में अभी तक करीब एक हजार कारतूस की बिक्री इन दो लाइसेंसों पर की गई है. पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि तीन चार शस्त्र लाइसेंसों से एक ही दिन खरीददारी होती थी. इन लाइसेंस पर काफी ज्यादा मात्रा में खरीददारी हुई है.


बाकी गन हाऊस पर सर्च जारी


कारतूस के काले कारोबार का खुलासा होने के बाद पुलिस ने जिले के कई अन्य गन हाउस के कागजों को खंगालना शुरू किया है. पुलिस ने अवध गन हाउस के मालिक सुखी लाल वर्मा और उनके मुनीम विकास समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया हैं. एसपी केशव कुमार ने बताया कि फर्जी शस्त्र लाइसेंस के सहारे कारतूस की बिक्री हो रही थी. इस साल लगभग एक हजार कारतूस की बिक्री इन लाइसेंसों पर हुई है. गन हाउस द्वारा मानक से अधिक कारतूस बेचा गया है. खाली खोखों की संख्या बहुत कम है.




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