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गुरुग्राम में रोहिंग्या-बांग्लादेशियों की शुरू हई पहचान, कई परिवारों ने शहर से किया पलायन

 केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर गुरुग्राम पुलिस ने भी जिले में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की जांच शुरू कर दी है।...


 केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर गुरुग्राम पुलिस ने भी जिले में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की जांच शुरू कर दी है। पहचान अभियान शुरू होते ही कई परिवारों ने शहर छोड़ दिया है। बांग्ला भाषी कई परिवार अपने गृह राज्य पश्चिम बंगाल की ओर लौटने लगे हैं। इन लोगों ने पुलिस पर परेशान करने का आरोप लगाया है।

बंगाली मार्केट और आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले परिवारों का आरोप है कि इससे डर का माहौल बन गया है। उनका कहना है कि जो लोग कई सालों से गुरुग्राम को अपना घर मानकर रह रहे थे, वे अब रातों-रात सामान समेटकर बसों और ट्रेनों से बंगाल के लिए निकल रहे हैं। सामान ट्रकों से भेजा जा रहा है।

उत्पीड़न काआरोप : मूलरूप से पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजुपर की अंजू आरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिसकर्मी पहचान पत्रों की जांच के नाम पर उन्हें परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह बीते 20 सालों से गुरुग्राम के साउथ सिटी के क्यू ब्लॉक स्थित झुग्गी में रह रहे हैं। वह घरों में साफ-सफाई का करते हैं और उनके बच्चों ने भी यहीं पर पढ़ाई की है।

पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी रुख्साना खातून ने बताया कि वह दस सालों से गुरुग्राम में परिवार के साथ रह रही हैं। अपने बच्चों के भविष्य को लेकर वह गुरुग्राम में आई थीं, लेकिन अब लग रहा है कि अपने देश में ही पराए जैसा व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिसकर्मी दस्तावेज नहीं देख रहे हैं। वह सिर्फ आते हैं और कुछ लोगों को उठा कर लेकर जाते हैं। वहां पर मारपीट करते हैं। कई लोगों को छोड़ दिया है।

एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि वह बीते 15 सालों से गुरुग्राम में एक छोटी दुकान चला रहा है। उसका आरोप है कि पुलिस की ज्यादतियों ने उसे इतना डरा दिया है कि वह यहां एक पल भी नहीं रुकना चाहता। उसका कहना है कि वे हमें अपराधी की तरह देखते हैं।

बंगाली मार्केट खाली: अवैध रूप से देश में रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या को पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जांच अभियान के बाद से सेक्टर-49 में स्थित बंगाली मार्केट और झुग्गियों में रहने वाले सैकडों परिवार यहां से जाने लगे हैं। बंगाली मार्केट में शुक्रवार को ज्यादतर दुकानें बंद थीं।

बांग्ला भाषी के समर्थन में आए मजदूर संगठन

जनवादी महिला समिति की प्रदेश महासचिव ऊषा सरोहा, राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा, सीटू के प्रदेश महासचिव जय भगवान और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के नेताओं ने कहा कि बांग्ला भाषी के साथ उत्पीड़न किया जा रहा है। संगठनों के पदाधिकारियों ने इस पर तत्काल रोक की मांग की।

होल्डिंग सेंटर हुए खाली

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और सांसद के विरोध को देखते हुए गुरुग्राम में बनाए गए होल्डिंग सेंटर शुक्रवार को खाली हो गए। सभी सेंटरों से लोगों को छोड़ दिया गया है। लोगों को यहां लाकर रखा गया था और उनके दस्तावेजों का वेरिफिकेशन की जा रही थी। शुक्रवार को गुरुग्राम के चारों होल्डिंग सेंटर में लोग नहीं थे।

संदीप कुमार, पुलिस प्रवक्ता, ''गृह मंत्रालय के आदेश पर अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान के लिए अभियान चलाया गया। पुलिस के द्वारा कोई भी गलत व्यवहार नहीं किया गया। मारपीट और अभद्रता जैसे आरोप गलत हैं। होल्डिंग सेंटर में भी रखने के दौरान लोगों के मानवाधिकारों का ध्यान रखा गया है।''




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