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जैसा खाओ अन्न, वैसा होय मन : प्रोफेसर अश्विनी अग्रवाल ( टाइम साइंटिस्ट )

  दैनिक सरोकार !  विचार मंथन : यह कहावत सदियों से भारतीय संस्कृति में प्रचलित है और आहार और मन के बीच गहरे संबंध को दर्शाती है । इसका सरल अर...

 





दैनिक सरोकार !  विचार मंथन : यह कहावत सदियों से भारतीय संस्कृति में प्रचलित है और आहार और मन के बीच गहरे संबंध को दर्शाती है । इसका सरल अर्थ है : हम जो खाते हैं, उसका सीधा प्रभाव हमारे मन पर पड़ता है। हमारा आहार न केवल हमारे शरीर को पोषण देता है बल्कि हमारे विचारों, भावनाओं और व्यवहार को भी प्रभावित करता है।


विचारों का सीधा संबंध मस्तिष्क से होता ही है यानि आपकी निर्णय लेने की क्षमता को आपके द्वारा लिए गए आहार में भोजन निर्धारित करता है।


"बुद्धि जब भटकाए मन

रोगी हो जाय फिर तन

कुबुद्धि को सुबुद्धि बनाओ

मन के प्रति श्रद्धा जगाओ

तासीर युक्त आहार ही खाओ

तन को रोगी होने से बचाओ"


इस कहावत के पीछे का विज्ञान :


•  मस्तिष्क का भोजन : मस्तिष्क शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है और उसे सही ढंग से काम करने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है। हम जो खाते हैं, वह मस्तिष्क को ऊर्जा प्रदान करता है और उसके कार्य करने के तरीके को प्रभावित करता है।

वैचारिक प्रदूषण सबसे अधिक नुकसान देता है शरीर को। और ये पैदा होता है उस आहार से जिसमें भोजन भू का जना नहीं होता, वा तासीर के अनुकूल भी नहीं होता।


• रक्त शर्करा का स्तर : खाने से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ता है, जो मूड और ऊर्जा के स्तर को प्रभावित करता है। अचानक रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव से चिड़चिड़ापन, थकान और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है।


• आंत और मस्तिष्क का संबंध :  आंत को अक्सर "दूसरा मस्तिष्क" कहा जाता है क्योंकि इसमें लाखों तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं जो मस्तिष्क के साथ संवाद करती हैं। आंत में रहने वाले बैक्टीरिया भी मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं।


• पोषक तत्वों का महत्व : विभिन्न पोषक तत्व मस्तिष्क के विभिन्न कार्यों को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, ओमेगा-3 फैटी एसिड मूड को बेहतर बनाने और स्मृति को बढ़ाने में मदद करते हैं, जबकि मैग्नीशियम तनाव को कम करने में मदद करता है। यानि तासीर आधारित भोजन नहीं होगा तो पोषक तत्व रक्त में पहुंच ही नहीं पाएंगे


आधुनिक विज्ञान भी इस कहावत की पुष्टि करता है : अध्ययनों से पता चला है कि तासीर आधारित आहार खाने से अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कम हो सकता है । प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और शर्करा युक्त पेय पदार्थों का अधिक सेवन मूड स्विंग, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और नींद की समस्याओं से जुड़ा हुआ है। इसलिए, हम जो खाते हैं, उसका हमारे समग्र स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।


स्वस्थ आहार के कुछ लाभ :


• बेहतर मूड

• तेज दिमाग

• अधिक ऊर्जा

• कम तनाव 

• बेहतर नींद


इसलिए, हमें अपने आहार पर ध्यान देना चाहिए और संतुलित प्राकृतिक आहार लेना चाहिए जो भू का जना हुआ हो, जिसकी तासीर पता करना होता है आसान जैसे घीया/लौकी जिसकी तासीर शीतल अग्नि की होती है और वो उष्ण अग्नि तासीर वाले इंसानों को नुकसान देगी ही।

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