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पति की जान बचाने के लिए पत्नी ने दिया खुद के लीवर का हिस्सा, दोनों की मौत…परिवार ने घर तक गिरवी रख दिया था

 महाराष्ट्र के पुणे स्थित सह्याद्री अस्पताल से एक बेहद दुखद मामला सामने आया है. यहां एक पत्नी ने अपने पति की जिंदगी बचाने के लिए लीवर दान कि...



 महाराष्ट्र के पुणे स्थित सह्याद्री अस्पताल से एक बेहद दुखद मामला सामने आया है. यहां एक पत्नी ने अपने पति की जिंदगी बचाने के लिए लीवर दान किया, लेकिन दोनों की ही मौत हो गई. मृतकों की पहचान बापू बालकृष्ण कोमकर और उनकी पत्नी कामिनी बापू कोमकर के रूप में हुई है. जानकारी के मुताबिक, पिछले बुधवार को लीवर ट्रांसप्लांट की सर्जरी की गई थी.


सर्जरी के महज दो दिन बाद, यानी शुक्रवार को बापू कोमकर की मौत हो गई. रविवार 24 अगस्त को उनकी पत्नी कामिनी कोमकर ने भी दम तोड़ दिया. कामिनी ने अपने पति को जीवन दान देने के लिए अपना लीवर डोनेट किया था. इस दोनों ऑपरेशन में लाखों का खर्च हुआ जो पति पत्नी ने अपनी जमीन जायदाद बेचकर किया, लेकिन एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम न होने से दोनों की मौत हुई क्योंकि दोनों के ऑपरेशन गलत तरीके से हुए ऐसा आरोप परिवारजनों का है.

 

परिवार ने घर तक गिरवी रख दिया था


बताया जा रहा है कि इस ऑपरेशन के लिए परिवार ने घर तक गिरवी रख दिया था. नाते-रिश्तेदारों ने सह्याद्री अस्पताल और वहां के डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि यदि सही इलाज किया जाता तो दंपती की जान बच सकती थी. इस घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और संबंधित डॉक्टरों पर गुनाह दर्ज करने की मांग की है.


वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को नोटिस जारी कर दिया है. सह्याद्री अस्पताल के स्वास्थ्य सेवा उपनिदेशक डॉ. नागनाथ येमपल्ले ने बताया कि लीवर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया से जुड़ी सभी जानकारियां सोमवार तक जमा करने का आदेश दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में अस्पताल को एक नोटिस जारी किया गया है.


हम जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं- अस्पताल प्रबंधन


अस्पताल को लीवर प्राप्तकर्ता और दाता का विवरण, उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग भेजने को कहा है. वहीं अस्पताल की ओर से कहा गया कि लीवर ट्रांसप्लांट मानक चिकित्सा प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया. अस्पताल प्रबंधन ने एक बयान में कहा कि हम जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं. मामले की व्यापक समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम सभी आवश्यक जानकारी और सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं.


परिवार के सदस्यों और लिवर डोनर को सर्जरी के जोखिमों के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया था. अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि सभी की सहमति के बाद ही लीवर ट्रांसप्लांट किया गया.




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