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हम अपना आदेश वापस लेने को तैयार; फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज मामले में हाईकोर्ट से बोला केंद्र

 उदयपुर के कन्हैयालाल दर्जी के हत्याकांड पर बनी फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर रोक लगाने को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में शुक्रवा...


 उदयपुर के कन्हैयालाल दर्जी के हत्याकांड पर बनी फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर रोक लगाने को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में शुक्रवार को एकबार फिर सुनवाई हुई, जिसमें केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि वह अपने 21 जुलाई के उस आदेश को वापस लेने के लिए तैयार है, जिसमें उसने इस विवादास्पद फिल्म को छह और कट्स के साथ रिलीज करने की अनुमति दी थी। साथ ही केंद्र सरकार ने भरोसा दिया कि वह अपने फैसले पर नए सिरे से विचार करेगी। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में दायर दो याचिकाओं का निपटारा कर दिया और इसके साथ ही केंद्र सरकार से इस मामले में बुधवार तक नया फैसला लेने के लिए भी कहा।


दिल्ली हाईकोर्ट में यह याचिकाएं जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और हत्याकांड के एक आरोपी मोहम्मद जावेद ने लगाई थी, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के 21 जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी। हालांकि केंद्र सरकार से मिले इस आश्वासन के बाद और दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर करते हुए हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इन दोनों याचिकाओं का निपटारा कर दिया।

 

अपने फैसले में हाई कोर्ट ने कहा, 'पक्षों की ओर से दलीलें सुनने के बाद, राजेश कुमार शर्मा के निर्देश पर केंद्र और सीबीएफसी के एएसजी ने कहा है कि सरकार 21 जुलाई के आदेश के साथ पक्षकारों की पुनर्विचार याचिका पर नए सिरे से फैसला लेगी। तदनुसार, एएसजी के बयान के अनुसार रिट याचिका का निपटारा किया जाता है। आग्रह किया गया है कि फिल्म की रिलीज की तारीख 8 अगस्त घोषित की गई है और सिनेमाघरों की व्यवस्था के लिए समय लिया जाएगा।'


आगे अदालत ने अपने आदेश में कहा, 'इन सब बातों को देखते हुए हम सरकार को निर्देश देते हैं कि वह सोमवार को दोपहर 2 बजे पक्षकारों की सुनवाई करे और उनके जवाब की प्रविष्टि सुनिश्चित करे। साथ ही हम यह भी प्रावधान करते हैं कि आगे कोई नोटिस जारी करने की आवश्यकता नहीं होगी। हम यह भी निर्देश देते हैं कि पक्षकार सोमवार को प्राधिकरण के समक्ष अपनी उपस्थिति पर स्थगन की मांग नहीं करेंगे। पक्षों की सुनवाई के बाद, बुधवार तक पुनर्विचार याचिका पर निर्णय लिया जाएगा।'


इससे पहले 30 जुलाई, बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से जानना चाहा था कि क्या उसे अपनी पुनरीक्षण शक्तियों का प्रयोग करते हुए फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स - कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ में छह कट लगाने का आदेश पारित करने का अधिकार है।

 

अदालत ने केंद्र सरकार से यह सवाल इसलिए पूछा था, क्योंकि उसे बताया गया कि केंद्र ने सिनेमेटोग्राफ अधिनियम के तहत अपनी पुनरीक्षण शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए फिल्म के निर्माताओं को एक अस्वीकरण के अलावा छह कट लगाने का सुझाव दिया है।


तब सुनवाई के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा था, ‘आपको कानून के दायरे में रहकर ही शक्तियों का प्रयोग करना होगा। आप इससे आगे नहीं जा सकते।’




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