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बारिश तो खूब हुई लेकिन चिपचिपी गर्मी ने छकाया, दिल्ली में उमस ने तोड़ा 53 साल का रिकॉर्ड

दिल्ली में इस बार का मॉनसून जमकर बरस रहा है। आंकड़ों की मानें तो 1901 के बाद से ये दिल्ली का 18वां सबसे बरसाती मॉनसून है। 19 अगस्त तक राजधान...


दिल्ली में इस बार का मॉनसून जमकर बरस रहा है। आंकड़ों की मानें तो 1901 के बाद से ये दिल्ली का 18वां सबसे बरसाती मॉनसून है। 19 अगस्त तक राजधानी में 524 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 40% ज्यादा है। लेकिन बारिश ही नहीं, इस बार की उमस भरी गर्मी ने भी दिल्लीवालों को खूब परेशान किया है। सड़कों पर पानी, हवा में नमी और बढ़ती बीमारियों ने इस मॉनसून को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

उमस ने तोड़ा 53 साल का रिकॉर्ड


हिंदुस्तान टाइम्स के एनालिसिस के मुताबिक, यह दिल्ली का पिछले 53 सालों में दूसरा सबसे उमस भरा मॉनसून है। खासकर बीते हफ्ते की नमी ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। 1 जून से 18 अगस्त तक दिल्ली में औसत रिलेटिव ह्यूमिडिटी 76.5% रही, जो 2008 के 78.1% के बाद दूसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा है। यह दिल्ली के सामान्य मॉनसून की नमी (1991-2020 का औसत 67.2%) से कहीं ज्यादा है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि अगस्त के पिछले पांच दिन (14-18 अगस्त) सबसे ज्यादा उमस भरे रहे, जहां औसत नमी 89.2% तक पहुंच गई। यह 1991-2020 के औसत से 1.14 गुना ज्यादा है।

जून-जुलाई ने बढ़ाई नमी, अगस्त ने तोड़ा रिकॉर्ड


इस मॉनसून की उमस का सबसे बड़ा कारण जून और जुलाई रहे। जून में औसत नमी 1973 के बाद तीसरे नंबर पर थी, जबकि जुलाई में दूसरे नंबर पर। अगस्त के पहले 18 दिनों में यह दसवें स्थान पर रही, लेकिन 14-18 अगस्त की उमस ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। आंकड़ों के मुताबिक, जून में नमी सामान्य से 1.23 गुना, जुलाई में 1.12 गुना और अगस्त में 1.05 गुना ज्यादा रही।


जुलाई और अगस्त दिल्ली के सबसे बरसाती महीने हैं और इस बार भी इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। जुलाई में सिर्फ 8 दिन और अगस्त में अब तक सिर्फ 4 दिन बिना बारिश के रहे। बारिश के साथ नमी बढ़ना स्वाभाविक है, क्योंकि हवा में पानी की मात्रा बढ़ जाती है।


इतनी उमस की वजह क्या?


इस बार दिल्ली में उमस का यह तूफान कई कारणों से आया। जून में भले ही दिल्ली में 19 दिन बारिश नहीं हुई, लेकिन दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून के जल्दी आने से नमी का प्रवाह दिल्ली की ओर बढ़ा। जून के तीसरे हफ्ते तक मॉनसून सिस्टम ने दिल्ली को चारों तरफ से घेर लिया, जिससे नमी बढ़ी, हालांकि दिल्ली में मॉनसून 29 जून को ही पहुंचा।

जुलाई और अगस्त में तो बारिश ने जैसे दिल्ली को अपना घर बना लिया। बारिश के दिनों में तापमान गिरता है, लेकिन जब बारिश हल्की होती है या नहीं होती, तब हवा में बची नमी उमस बढ़ाती है। यह इसलिए, क्योंकि ज्यादा नमी शरीर के पसीने को सूखने से रोकती है, जिससे गर्मी और उमस का डबल अटैक होता है।


सेहत पर असर, बीमारियां बढ़ीं


इस चिपचिपी गर्मी ने दिल्लीवालों की सेहत पर भी असर डाला है। ज्यादा नमी के कारण सांस लेने में दिक्कत, त्वचा की समस्याएं और वायरल इंफेक्शन के मामले बढ़े हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को इस मौसम में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।




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