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दरोगा ने कुत्ते को बचाने की कोशिश की थी, अपनी ही जान चली गई; रुला देगी होनहार रिचा की कहानी

कविनगर थाने में तैनात महिला दरोगा की रविवार देर रात कार्टे चौक के पास सड़क हादसे में मौत हो गई। दरोगा की बाइक के सामने अचानक लावारिस कुत्ता स...


कविनगर थाने में तैनात महिला दरोगा की रविवार देर रात कार्टे चौक के पास सड़क हादसे में मौत हो गई। दरोगा की बाइक के सामने अचानक लावारिस कुत्ता सामने आ गया, कुत्ते से बचने के चक्कर में दरोगा की बाइक अनियंत्रित होकर फिसल गई। इसके चलते महिला दरोगा का सिर तेजी से सड़क पर लगा। दरागो ने हेलमेट पहन रखा था। फिर भी वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृतक घोषित कर दिया।

मूलरूप से कानपुर के ग्राम व पोस्ट असधना, घाटमपुर थाना सजेती की रहने वाली 30 वर्षीय रिचा सचान पुत्री राम बाबू सचान 2023 बैच की उप निरीक्षक थीं। ट्रेनिंग के बाद रिचा को गाजियाबाद जिला अलॉट हुआ और उसे कविनगर थाने में तैनाती मिली। रिचा अवंतिका कॉलोनी में किराए का कमरा लेकर रहती थीं। एसीपी कविनगर भास्कर वर्मा का कहना है कि वर्तमान में रिचा को शास्त्रीनगर पुलिस चौकी से सबद्ध किया था। रिचा को एक केस में कोर्ट से संबंधित पेपर तैयार करने थे, यह दस्तावेज सोमवार को कोर्ट में दाखिल होने थे, जिसके चलते रिचा ने शास्त्रीनगर पुलिस चौकी पर बैठकर यह पेपर तैयार किए और देर रात को वह बाइक पर चौकी से अपने कमरे पर चली गई।

 

इसी दौरान सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। बताते हैं कि महिला दरोगा बाइक से कमरे पर जा रही थी, तभी कार्टे चौक के पास उनकी बाइक के सामने लावारिस कुत्ता आ गया, जिसे बचाने के चक्कर में बाइक अनियंत्रित हो गई। इस हादसे में महिला दरागा गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने मृतक घोषित कर दिया।


बताते हैं कि चौकी इंचार्ज विकास कुमार ने देर रात रिचा को अकेला कमरे पर भेजने के बजाए उनके बैचमेट दरोगा आफताब को साथ भेजा। दोनों अपनी-अपनी बाइक पर थे। रिचा बाइक से आगे चल रही थीं। जबकि आफताब उनके पीछे दूसरी बाइक पर थे। बताते हैं कि जैसे ही रिचा कार्टे चौक के पास बिजली घर के सामने पहुंचे तो एक लावारिस कुत्ता अचानक सडक़ पर दौड़ पड़ा। इस दौरान हादसा हुआ।


सूचना पर मृतक के पिता भाई विकास कानपुर से गाजियाबाद पहुंचे। पोस्टमार्टम कराने के बाद रिचा सचान के शव को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां पुलिस कमिश्नर जे. रविन्दर गौड समेत अन्य अधिकारियों ने उन्हें अंतिम सलामी और श्रद्धांजलि दी। इसके बाद परिवार के लोग शव को अपने पैतृक गांव कानपुर ले गए। इस दौरान पुलिसकर्मियों की आंखें नम देखी गईं।

 

पीसीएस परीक्षा की तैयारी कर रही थीं रिचा


भाई विनय सचान बताते हैं कि एलएलबी और बीएड पास करने के बाद रिचा ने दिल्ली आकर सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी की और प्री-एग्जाम भी पास कर लिया था। लेकिन लंबी बीमारी के चलते उसे वापस घर कानपुर लौटना पड़ा और वह आगे की तैयारी नहीं कर सकी। इसके बाद रिचा ने प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की और सीजीएल समेत यूपी दरोगा भर्ती परीक्षा पास कर ली। वह 2023 बैच की उप निरीक्षक थी। वह अब भी पीसीएस की परीक्षा की तैयारी में जुटी थीं।


पुलिस विभाग में शोक व्याप्त, थम नहीं रहे आंसू


रिचा की मौत के बाद से पुलिस विभाग में शोक व्याप्त है। रिचा के सहकर्मियों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। अधिकारियों का कहना है कि बीते साल यूपी के आठ हजार दरोगा भर्ती में से करीब 800 दरोगा गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट को मिले थे। इन सभी दरोगाओं को कमिश्नरेट के विभिन्न थानों में पोस्ट किया गया था। इसी क्रम में रिचा सचान और उसके बैचमेट करीब दर्जन भर दरोगा कविनगर थाने में तैनात किए गए थे।


दो बार हुआ था हादसा


बताते हैं कि पूर्व में भी रिचा का दो बार एक्सडेंट हो चुका था। पुलिस की मानें कविनगर थाने के गेट के सामने हुए एक्सीडेंट में रिचा के पैर में फ्रैक्चर हुआ था। जबकि एक एक्सीडेंट में उसके हाथ में चोट आई थी। वहीं, रविवार रात हुए सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई।

 

परिवार में सबसे छोटी थी


किसान परिवार से ताल्लुख रखने वाली महिला दरोगा रिचा सचान के पिता रामबाबू सचान किसान हैं। रामबाबू सचान के परिवार में पत्नी, तीन पुत्र और दो पुत्रियां हैं, इनमें रिचा सबसे छोटी थीं। भाई विनय बताते हैं कि छोटी होने के चलते रिचा परिवार की लाडली थी।




 
 

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