राजधानी दिल्ली में इस साल जनवरी से जून तक करीब ढाई हजार झपटमारी के मामले दर्ज हुए हैं, लेकिन इनमें से चंद ही सुलझाए गए। पुलिस वीआईपी केस मे...
राजधानी दिल्ली में इस साल जनवरी से जून तक करीब ढाई हजार झपटमारी के मामले दर्ज हुए हैं, लेकिन इनमें से चंद ही सुलझाए गए। पुलिस वीआईपी केस में तो एक-दो दिन में ही आरोपी को पकड़ लेती है, लेकिन जब यही वारदात आम नागरिक के साथ हो, तो उन्हें वर्षों इंतजार करने के बाद भी न्याय नहीं मिल पाता।
जमानत रद्द करने का आवेदन
दिल्ली पुलिस जल्द कुख्यात झपटमारों की जमानत रद्द करने के लिए कोर्ट में आवेदन देगी। यह फैसला महिला सांसद से झपटमारी के आरोपी की गिरफ्तारी के बाद लिया गया है। आरोपी पर 26 आपराधिक केस दर्ज हैं।
वीवीआईपी केस, जिसमें पुलिस ने दिखाई फुर्ती
1. यूक्रेनी राजदूत का आईफोन चार दिन में मिला: 20 सितंबर, 2017 को यूक्रेन के तत्कालीन राजदूत इगोर पोलिखा का लालकिले के पास मोबाइल झपट लिया गया। क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल और उत्तरी जिला पुलिस की टीमों ने चार दिन में आईफोन समेत आरोपी दबोच लिया।
2.पीएम की भतीजी का पर्स खोज लिया: 10 अक्तूबर, 2019 को पीएम मोदी की भतीजी सिविल लाइंस स्थित गुजराती भवन पहुंची थीं। ऑटो से उतरते वक्त स्कूटी सवार दो बदमाशों ने पर्स झपट लिया। दो दिन के भीतर ही कई टीमें आरोपियों को पकड़ लाईं।
थानों के चक्कर लगाते रहे तो कहीं मुकदमा हुआ बंद
- आठ साल बाद भी सुराग नहीं : 21 जुलाई, 2017 को वेलकम में नीतू नाम की महिला से मोबाइल झपटा गया। केस दर्ज होने के बाद न तो आरोपी पकड़ा गया और न ही पुलिस ने दोबारा संपर्क किया।
- सब्जी लेते वक्त मोबाइल झपटा : 8 अक्तूबर, 2024 को बुराड़ी निवासी सुधीर झा से चंदन विहार में मोबाइल छीना गया। अब तक न उनका फोन मिला और न ही किसी पुलिस वाले ने संपर्क किया।
- दबाव में बंद कराया केस : 14 अप्रैल, 2023 को न्यू मोती नगर निवासी प्रीति से स्कूटी सवार बदमाशों ने फोन छीना। पुलिस ने बार-बार थाने बुलाया। परेशान होकर उन्होंने कोर्ट में केस खत्म करवा दिया।
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