पहले जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ के गांव चशोती में बादल फटने से भारी तबाही देखने को मिली थी. अब जम्मू कश्मीर के कठुआ में एक बार फिर कुदरत ने ...
पहले जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ के गांव चशोती में बादल फटने से भारी तबाही देखने को मिली थी. अब जम्मू कश्मीर के कठुआ में एक बार फिर कुदरत ने कहर बरपाया. रविवार को बादल फटने और भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में पांच बच्चों समेत चार परिवारों के सात सदस्यों की मौत हो गई. कठुआ में रात भर हुई भारी बारिश के बीच राजबाग के जोध घाटी गांव और और जंगलोट में यह आपदा आई, जिससे कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया.
कठुआ में ये तबाही किश्तवाड़ की घटना के ठीक तीन दिन बाद हुई. चिशोती में बादल फटने से 60 लोगों की जान चली थी और 100 से ज्यादा लोग इस घटना में घायल हो गए थे. जानकारी के मुताबिक जोध घाटी में एक व्यक्ति और उसके दो नाबालिग बेटों समेत पांच लोगों की मौत हो गई और गांव तक पहुंचने का रास्ता बंद हो गया. कई कच्चे घरों को नुकसान पहुंचा. वहीं, जंगलोट के बागरा गांव में बारिश की वजह से हुए भूस्खलन में मां-बेटी की भी मौत हो गई.
मृतकों और घायलों की हो गई पहचान
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान जोध घाटी के रहने वाले 32 साल के सुरमु दीन उनके 6 साल के बेटे फानू और पांच साल के बेटे शेदु, 15 साल के जुल्फून और 12 साल के ताहू. जंगलोट की रहने वाली 39 साल की रेणु देवी और उनकी बेटी 9 साल की बेटी राधिका के रूप में हुई है. वहीं घायलों की पहचान सुरमुदीन की 26 साल की पत्नी गोगली बेगम, तीन महीने की बेटी नगीना और हबीब दीन की 26 साल की पत्नी करून बेगम और बेटियों चार साल की बेटी राफिया बेगम, 6 साल की आयशा बेगम और 8 साल की परवीन अख्तर के रूप में हुई है.
15 लोगों को एयरलिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाया
इसके साथ ही प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को बचाने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए सेना की कई टीमें लगातार काम कर रही हैं. घाटी में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैनात किए गए एक मिलिट्री हेलीकॉप्टर ने 15 लोगों को एयरलिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाया. वहीं घायलों को ध्रुव हेलीकॉप्टरों के जरिए पंजाब के पठानकोट में स्थित अस्पताल भी पहुंचाया गया. राइजिंग स्टार कोर के जवान पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर परिवारों को बचाने, उन तक खाने की चीजें और मेडिकल देखभाल उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं.
अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक कठुआ थाना क्षेत्र के बगड़ और चंगड़ा गांवों और लखनपुर थाना क्षेत्र के दिलवां-हुटली में भी भूस्खलन की घटनाएं हुई, लेकिन किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है. भारी बारिश के चलते उझ नदी खतरे के निशान के पास बह रही है. कई निचले इलाकों में जलभराव हेा गया है और बाढ़ का पानी घरों और दुकानों के अंदर घुस गया है.
कई लोकल ट्रेनों को किया गया रद्द
जिला प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है. बादल फटने के बाद जम्मू-पठानकोट रेल मार्ग पर यातायात बाधित हो गया है. ऐसे में कई लोकल ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कुछ ट्रेनों को बीच में ही रोक दिया गया है. जम्मू मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक (Senior Divisional Commercial Manager) उचित सिंघल ने कहा कि भारी बारिश की वजह से कठुआ-बुद्धी के बीच पुल नंबर 43 से पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. इसको देखते हुए जल स्तर कम होने तक अप लाइन पर यातायात अस्थायी रूप से रोक दिया गया है और अस्थायी प्रोसेस को निर्धारित कर अप लाइन की ट्रेनों को डाउन लाइन से चलाया जा रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कठुआ में बादल फटने की घटना पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की और केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. गृह मंत्री अमित शाह ने पोस्ट कर लिखा, “कठुआ में बादल फटने की घटना के बारे में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की. जिला प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है और NDRF की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं. मोदी सरकार की ओर से हर मुमकिन मदद का आश्वासन दिया गया है. हम जम्मू-कश्मीर के अपने बहनों और भाइयों के साथ मजबूती से खड़े हैं.
एलजी, मुख्यमंत्री ने घटना पर जताया दुख
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इन घटनाओं में हुई जान-माल की हानि पर दुख जताया. एलजी मनोज सिन्हा ने एक पोस्ट कर लिखा कि कठुआ के कई इलाकों में बारिश के वजह से विनाशकारी भूस्खलन में लोगों की मौत से मैं बहुत दुखी हूं. यह त्रासदी दिल दहला देने वाली है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस प्रशासन के बचाव और रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी है.
मृतकों को मुख्यमंत्री राहत कोष से अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया गया है. सीएमओ ने ‘एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी. सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस मदद का मकसद तुरंत राहत पहुंचाना और प्रभावित परिवारों को अपनी जिंदगी फिर से शुरू करने में मदद करना है. एक्स पोस्ट में लिखा, “मुख्यमंत्री ने कठुआ में बादल फटने की हुई घटना में जानमाल की हानि पर चिंता व्यक्त करते हुए एसडीआरएफ सहायता के अलावा, मुख्यमंत्री राहत कोष से अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.”
मृतकों के परिजन और घयालों को मुआवजा
बताया गया कि मृतकों के परिजनों दो-दो लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को एक लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों लोगों को 50,000 रुपये की मदद दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए एक लाख रुपये, बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त घरों के लिए 50,000 रुपये और कुछ हद तक क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए 25,000 रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया गया है.
इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी
वहीं इस तबाही के बाद अब मौसम विभाग की ओर से 18 और 19 अगस्त तक के लिए भीरा बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. जम्मू संभाग, खासकर जम्मू, रियासी, उधमपुर, राजौरी, पुंछ, सांबा और कठुआ जिले में कई जगहों पर गरज के साथ कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश का अनुमान जताया है. वहीं, डोडा, किश्तवाड़ और रामबन में झमाझम बारिश हो सकती है.
ليست هناك تعليقات